कश्मीर के हालात का देश के बाकी हिस्सों पर असर पड़ना शुरू, ध्रुवीकरण के बाद कश्मीरी बच्चों पर हमले

नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पत्रकार ने टिप्पणी की थी कि कश्मीर के हालात को इसलिए नहीं सुधरने दिया जा रहा क्योंकि उसका फायदा बाकी भारत में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के तौरपर बीजेपी को मिलता रहे. हल के इन हादसों से हालात इसी दिशा में जाते दिख रहे हैं. पहला हादसा  राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कश्मीरी स्टूडेंट्स का है इनके साथ कुछ स्थानीय लोगों ने मारपीट की,  जिसमें 6 कश्मीरी घायल हो गए. माना जा रहा है इसके पीछे हिंदूवादी नौजवानों का हाथ है. दूसरा मामला यूपी के मेरठ का है यहां कश्मीरी स्टूडेंट्स के बहिष्कार करने का ऐलान किया गया है. पोस्टर लगाकर कश्मीरियों को मेरठ छोड़ने की चेतावनी दी गई है. गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्यों को कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.

गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी की अडवाइजरी

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अडवाइजरी जारी कर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने राज्यों को निर्देश दिया है कि कोई भी कश्मीरी बच्चों के साथ कहीं बदसलूकी करता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि कश्मीरी भी भारत के ही नागरिक हैं.

उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना नाम के एक संगठन की तरफ से मेरठ-देहारादून हाइवे पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं. इनमें यूपी में रह रहे कश्मीरियों को प्रदेश छोड़कर जाने की चेतावनी दी गई है. साथ ही 30 अप्रैल के बाद यूपी में कश्मीरियों के खिलाफ हल्ला बोलने को कहा गया है. संगठन की इस हरकत के बाद खुफिया विभाग और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट अलर्ट हो गए हैं.

कश्मीरियों को किराए पर मकान ने देने की अपील

उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना की तरफ से कहा गया, ‘पढ़ाई करने आए युवाओं में वे लोग भी होंगे जिनके परिवार के लोग कश्मीर में सेना का विरोध करते हैं. जब यहां उनके परिवार के लोगों को परेशानी होगी तभी कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों को सबक मिलेगा.’ होर्डिंग लगाने के अलावा इस संगठन के अध्यक्ष अमित जानी ने ट्वीट किया, ‘कश्मीरी 30 अप्रैल तक यूपी खाली कर दें, वरना हड्डी तोड़कर वापस भेजेंगे.’ इसके साथ ही उन्होंने मेरठ के लोगों से अपील की कि कश्मीरियों को किराए पर मकान न दें और दुकानवाले उन्हें सामान न दें. जानी ने एनबीटी से कहा, ‘हम भारतीय सेना के प्रति लोगों में हमदर्दी लाना चाहते हैं और पत्थरबाजों के खिलाफ आवाज बुलंद करना चाहते हैं.’

प्रशासन ने संगठन को होर्डिंग हटाने की दी चेतावनी

उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के इस कदम के बाद खुफिया विभाग अलर्ट हो गया. साथ ही कश्मीरियों की सुरक्षा कड़ी करने की सिफारिश की गई है. जिसके बाद पुलिस सतर्क हो गई है. मेरठ के एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी ने कहा, ‘संगठन को तुरंत सारे होर्डिंग हटाने की चेतावनी दी गई हैं. बड़ी बात ये है कि जिस प्रशासन को सारे होर्डिंग्स हटा देने चाहिए थे वो चोतावनी देकर काम चला रहा है.

राजस्थान में भी कश्मीरी छात्रों और स्थानीय लोगों में मारपीट

दूसरी तरफ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बुधवार को उस समय माहौल तनाव भरा हो गया जब मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों और स्थानीय लोगों में संघर्ष हो गया. कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी और बडगाम में सीआरपीएफ जवानों के साथ बदसलूकी के हाल में वायरल हुए विडियो को लेकर कथित तौर पर कश्मीरी छात्रों को ‘पत्थरबाज’ कहे जाने के बाद यह संघर्ष हुआ.

खरीदारी करने निकले थे कश्मीरी स्टूडेंट्स

कश्मीरी छात्रों की तरफ से दर्ज कराई गई FIR में कहा गया है कि वे खरीदारी के लिए निकले थे तभी एक अज्ञात शख्स ने उन पर कुछ टिप्पणियां की. छात्रों के मुताबिक वे एग्जाम के समय नहीं चाहते कि मामला तूल पकड़े. एक कश्मीरी छात्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘हम कुछ सामान खरीदने गए थे. उसी दौरान कुछ युवाओं ने हमें पकड़ लिया और सीआरपीएफ जवानों के साथ बदसलूकी के लिए हमें जिम्मेदार ठहराने लगे. उन्होंने बिना किसी वजह के हमें पीटना शुरू कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम से हमारा पूरा दिन उस वक्त बर्बाद हो गया जब हम परीक्षाओं की तैयारी में जुटे थे.’

तुरंत हरकत में आई पुलिस

कश्मीर छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच मारपीट की खबर के बाद स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. बुधवार से यूनिवर्सिटी कैंपस के आस-पास बड़ी तादाद में पुलिसवाले तैनात हैं. पुलिस ने घटना को मामूली मारपीट बताया है. पुलिस के मुताबिक किसी भी कश्मीरी छात्र को गंभीर चोट नहीं आई है. उन्हें हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया लेकिन किसी को भर्ती नहीं कराया गया.

यूनिवर्सिटी कैंपस में तनाव

मेवाड़ यूनिवर्सिटी कैंपस में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब कुछ कश्मीरी युवा बाहरियों से सुरक्षा के इंतजाम न किए जाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

कश्मीरी छात्रों और स्थानीय लोगों में पहले भी हुए हैं संघर्ष

इससे पहले भी कई मौकों पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कश्मीरी छात्रों और स्थानीय लोगों में संघर्ष हो चुका है. 2016 में कुछ कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट की गई थी और हॉस्टल में बीफ खाने को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. हालांकि बाद में फरेंसिक रिपोर्ट में साबित हुआ कि कश्मीरी छात्रों ने बकरे का मीट खाया था. यूनिवर्सिटी में जम्मू-कश्मीर के करीब 1,100 स्टूडेंट अलग-अलग कोर्सों में पढ़ते हैं.