नई दिल्ली: नोटबंदी पर मोदी लोगों को धन्यवाद देकर आगे बढ़ गए हैं और तो और सरकार ने अब नोटबंदी के बारे में बात तक करना बंद कर दिया है. दूसरी तरफ हालात ये हैं कि एटीएम से कैश निकालना महंगे पर महंगा होने लगा है.
अब आप अगर दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं तो एक बार पैसे निकालने के 15-20 रुपये देने पड़ेंगे. अपने बैंक के एटीएम में पैसे हों इसकी कोई गारंटी नहीं है.
हालांकि यूपी में चुनाव हैं तो वहां एटीएम में भरपूर कैश है. न लाइन है न परेशानी. कम से कम जबतक मोदी के यूपी में दौरे हो रहे हैं तब तक यहां युद्ध स्तर पर कैश की सप्लाई चल रही है.
ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग सर्विस देने वाली कंपनी एफएसएस के अध्यक्ष वी बालासुब्रमण्यम ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पहले पांच ट्रांजेक्शन फ्री हैं. इसके बाद बैंक और कार्ड कैटेगरी पर निर्भर करता है कि वे चार्ज करते हैं कि नहीं. बैंक चार्ज को लेकर सामान्य तौर पर कस्टमर से व्यक्तिगत तौर पर चार्ज लेता है. नकदी आसानी से उपलब्ध नहीं है. केवल 20 प्रतिशत एटीएम ही काम कर रहे हैं.
नोटबंदी से पहले एसबीआई, पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक प्रति ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये चार्ज करते थे. क्योंकि उनका एटीएम नेटवर्क काफी बड़ा है. वहीं बाकी बैंक 20 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन लेते थे. वहीं सरकार ने नोटबंदी के दौरान मर्चेंट डिस्काउंट रेट(एमडीआर) को बंद कर दिया था लेकिन कई जगहों पर उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिला.
31 दिसंबर तक लगभग सभी बैंकों ने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर ट्रांजेक्शन चार्ज बंद कर दिया था. लेकिन कई लोगों का कहना था कि ज्वैलर्स और कपड़ों के शोरूम में उनसे चार्ज लिया. रिजर्व बैंक ने नए साल में कार्ड से एक हजार रुपये तक की खरीदारी पर 0.5 प्रतिशत और 2000 रुपये की खरीद पर 0.25 प्रतिशत की दर तय की है.