क्या कश्मीर को भारत से दूर ले जा रहे हैं नफरत के सौदागर, हिंदूवाद भारत को डुबा तो नहीं देगा. एक पत्रकार का लेख

नई दिल्ली:  क्या कश्मीर भारत का हिस्सा न होकर उपनिवेश है? क्या कश्मीर एक अगल देश  है? क्या कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं ? ये सवाल वो है जिसका जवाब सबको पता है लेकिन फिर भी कश्मीर में अलगाववादी शक्तियां लगातार यही बात समझाने की कोशिश करती है कि कश्मीरी अलग हैं भारतीय अलग हैं वो कश्मीरियों को पसंद नहीं करते लेकिन कश्मीर की धरती को हथियाना चाहते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कश्मीरी अलगाववादियों का इस मामले में काम आसान कौन कर रहा है ? ये हैं भारत में तेज़ी से बढ़ रहे नफरत के व्यापारी जो हिंदूवाद को हथियार बना रहे हैं. ऐसे लोग लगातार जो संदेश अपने कर्मों और बयानों से दे रहे हैं वो यही है कि कश्मीरी कोई गैर हैं. नफरती लोग इसे देशभक्ति का जामा पहनाकर बेच रहे हैं ताकि कश्मीरी और शेष भारत में रहने वाले लोगों के बीच दरार को बढ़ाया जा सके.

मैं आपको कई ऐसे उदाहरण देता हूं जो इस मानसिकता से निकले है.

  1. जब कश्मीर में बाढ़ आई थी तो इसी सेना ने कश्मीरियों की मदद की थी. कश्मीरी एहसान फरामोश हैं.
  2. कश्मीर के लोगों को शेष भारत में पढ़ने लिखने नहीं देना चाहिए. उनके घर के लोग घाटी में सैनिकों पर पत्थर चलाते हैं और यहां हमारी सब्सिडी पर शिक्षा पाते हैं.
  3. कश्मीरियों को पैकेज नहीं देना चाहिए वो मुफ्त की रोटियां तोड़ते हैं और देश पर ही पत्थऱ चलाते हैं.
  4. एक बार कश्मीर को मिलने वाला सारा दाना पानी बंद कर देना चाहिए ताकि उनकी अक्ल ठिकाने आ जाए.

इस तरह की भड़काऊ सामग्री के सोशल मीडिया पर हद से ज्यादा शेयर करने का नतीजा है. कि अब धीरे धीरे देश के एक ही हिस्से या कहें कि भारत मां के सिर कश्मीर के लोगों के साथ लोग दुश्मन देश के नागरिकों जैसा व्यवहार करने लगे है. इन पूरी कार्रवाइयों और नफरत फैलाने वाली हरकतों का नतीजा है कि धीरे धीरे सोचने समझने में कमजोर लोग कश्मीर को भारत से अलग कोई सभ्यता जैसा समझन लगे हैं. ये लोग समझते हैं कि कश्मीर में रहने वाले सभी लोग खासतौर पर मुसलमान भारत विरोधी है. ये भी सोच बन रही है कि कश्मीर के सभी नागरिक भारत विरोधी है.

कुछ उदाहरण देखिए कि किस तरह देश में जो कभी नहीं हुआ वो होने लगा है

  1. राजस्थान की मेवाड़ यूनिवर्सिटी में कश्मीरी स्टूडेंट्स के साथ मारपीट की घटना हुई.
  2. इसी राज्य के झुंझुनू जिले के BITS पिलानी इंस्टिट्यूट में एक कश्मीरी छात्र को हॉस्टल छोड़कर अपने घर लौटना पड़ा क्योंकि उसकी टी-शर्ट पर कुछ अज्ञात लोगों ने आपत्तिजनक बातें लिख दी थीं. इस घटना के बाद 27 साल के हाशिम सोफी नाम के युवक को घाटी लौट जाना ही ठीक लगा.

हाशिम सोफी के बारे में बताया जा रहा है कि वह BITS पिलानी के फार्मेसी विभाग में रिसर्च कर रहा था. उसने हाल ही में हॉस्टल में शिफ्ट किया था. घटना के बाद से ही उसका फोन बंद आ रहा है. रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से कहा था कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे कश्मीर के छात्रों के साथ संपर्क साधने की कोशिश करें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें कोई परेशानी न हो.

  1. उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी एक होर्डिंग लगाई गई थी जिसमें कश्मीरी स्टूडेंट्स को उनके राज्य से वापस चले जाने को कहा गया था.

नफरत के ये व्यापारी कश्मीर को इसलिए भी निशाना बना रहे हैं क्योंकि इससे बाकी भारत खास तौर पर उत्तर भारत में धार्मिक ध्रुवीकरण में मदद मिलती है.

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>27-yr-old Kashmiri research scholar at BITS Pilani in Rajasthan returns to Valley after allegedly receiving objectionable messages in hostel <a href=”https://t.co/tDsM8uf28a”>pic.twitter.com/tDsM8uf28a</a></p>&mdash; ANI (@ANI_news) <a href=”https://twitter.com/ANI_news/status/856350551155417088″>April 24, 2017</a></blockquote>
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(फेसबुक पर पत्रकार गिरिजेश वशिष्ठ का लेख)