अन्ना हज़ारे बोले- मोदी और चीफ जस्टिस ने लोकतंत्र को कमज़ोर किया !

नई दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है क सरकार के कुछ लोगों की जजों के साथ मिलीभगत है. उन्होंने प्रेस कॉफ्रेंस करने वाले सभी जजों को बधाई देते हुए कहा कि जजों ने लोगों के सामने यह साफ किया है कि न्यायिक संस्था के भीतर क्या चल रहा है.

अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार और जजों के बीच सांठगांठ ने भारत के लोकतंत्र को कमजोर किया है, ऐसे में जजों ने जिस तरह से इस बारे में अपनी चिंता जाहिर की है उसके लिए वह तारीफ के काबिल हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे मसले की जांच होनी चाहिए.

अन्ना ने कहा कि चीफ जस्टिस व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आकर इस पूरे मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए. दरअसल जनता की जानकारी में सुप्रीम कोर्ट के मामले लाने के पीछे इन न्यायाधीशों ने बेहद बहादुरी का काम किया है. 2 अक्टूबर तक चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को रिटायर होना था. उसके बाद जस्टिस गोगोई चीफ जस्टिस बनने वाले थे उन्होंने अपने पद की परवाह न करते हुए चिंता की न्यायपालिका के स्वाभिमान की उसकी गरिमा की.

आपको बता दें कि शुक्रवार को इस प्रेस वार्ता में न्यायाधीश चेलमेश्वर, न्यायाधीश जोसेफ कुरियन, न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश एम बी लोकुर मौजूद थे, इस प्रेस वार्ता के बाद 4 वरिष्ठ नयायाधीशों का CJI के साथ मतभेद सामने आ गया था. इस प्रेस कॉफ्रेंस में जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई जज जस्टिस लोया के मामले पर भी अपनी सहमति जाहिर की जब प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने पूछा कि क्या जस्टिस लोया के केस को लेकर भी आपकी चिंता है.