पाकिस्तान को अमेरिका ने दिया ऐसा तोहफा कि वो तिलमिला उठा

पेशावर : नये साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की वित्तीय सहायता पर रोक लगाई थी. इसके साथ ही उसने पाकिस्तान को धोखेबाज़ कहा था. किसने सोचा था कि एक महीने में ही अमेरिका पाकिस्तान की सीमा के अंदर सैनिक कार्रवाई शुरू कर देगा. अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर ड्रोन से हमले कर हक्कानी नेटवर्क के 2 कमांडरों सहित 2 आतंकियों को ढेर कर दिया है. वहीं पाकिस्तान का कहना है कि उसकी जमीन पर ड्रोन हमले उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है. भारत को भी इस मामले में सावधान ही रहना चाहिए. अमेरिका के मुंह में खून लगना खतरनाक है.

यह इलाका अफगानिस्तान सीमा से जुड़ा है. पाकिस्तानी अखबार डान के मुताबिक, बुधवार को स्पीन थाल क्षेत्र में एक मकान पर ड्रोन से दो मिसाइल दागे गए. इस हमले में हक्कानी नेटवर्क का कमांडर अहसान उर्फ खवारी और उसके दो साथी मारे गए. अमेरिकी जासूसी विमान के जरिये अफगान शरणार्थियों के घर को निशाना बनाकर ये हमले किए गए.

17 जनवरी को भी किया था ड्रोन अटैक

एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, हक्कानी नेटवर्क के ठिकानों पर हमले किए गए. इससे पहले 17 जनवरी को इस साल के पहले ड्रोन हमले में खुर्रम एजेंसी के बादशाह कोट इलाके में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था. पिछले साल अगस्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई अफगान नीति के बाद खुर्रम एजेंसी में ड्रोन हमलों में तेजी आई है. इस नीति में पाकिस्तान पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देने का आरोप भी लगाया गया है.  गौरतलब है कि 2016 में ऐसे हमले में तालिबान का शीर्ष आतंकी मुल्ला अख्तर मंसूर मार गया था.

नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में साफ-साफ लिखा था, ‘अमेरिका मूर्खों की तरह पाकिस्तान को 15 सालों से सैन्य सहायता देता आ रहा है लेकिन इसके जवाब में उसे वापस धोखा और झूठ मिला है. 15 साल से अब तक अमेरिका ने पाकिस्तान को 33 बिलियन डॉलर की सहायता राशि प्रदान की है लेकिन हर बार हमें मूर्ख बनाया गया है. पाकिस्तान हमेशा से आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है.’

पाक-अफगान सीमा पर अमेरिकी ड्रोन हमले में 31 मारे गए

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा, राष्ट्रपति ने बिल्कुल सही कहा. पाकिस्तान ने 15 वर्षो में आतंकवाद से लड़ने के नाम पर अमेरिका से 33 अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपये) लिये. लेकिन वास्तव में उसने आतंकियों को पाला-पोसा और पनाह दी. इन्हीं आतंकियों से अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को लड़ना पड़ा. इससे पाकिस्तान का झूठा और धोखेबाज चरित्र सामने आया.