क्या संसद का बहुमूल्य समय नेताओं के आपसी प्रेम प्रदर्शन के लिए है?

संसद में चर्चा के दौरान नेताओं ने अपना बहुमूल्य समय एक दूसरे की ताऱीफ में खर्च कर दिया. ये वो समय है जिसकी देश को बहुत अधिक ज़रूरत थी. देश को किसान बिल पर चर्चा करनी थी लेकिन नहीं की. कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना चर्चा के पास हो गए.

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