गौरी लंकेश के बाद खतरे में हैं 25 बुद्धिजीवियों की जान, छद्म माहौल की खोलते हैं पोल

नई दिल्ली : गौरी लंकेश की हत्या के बाद खुफिया एजेंसियां चौकस हो गई हैं . उन्होंने जो पड़ताल की उसके आधार पर कर्नाटक के 25 साहित्यकारों की जान खतरे में बताई गई है. इन रिपोर्ट्स को देखते हुए इन सभी 25 साहित्यकारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक ये सभी लेखक देश में फैलाए जा रहे छद्म माहौल और सोशल मीडिया के झूठ के खिलाफ लिखने और लोगों की जागरूक करने के लिए जाने जाते हैं.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने पुलिस की रिपोर्ट के बाद लेखकों और विचारकों को सुरक्षा प्रदान करने का कदम उठाया था. ताकि देश में धर्म और अनुष्ठान के मामलों पर विचार-विमर्श करने वाले बुद्धिजीवियों और प्रगितशील लेखकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

जिन लेखकों और साहित्यकारों को सुरक्षा प्रदान की गई है उनमें गिरीश कर्नाड, बारागुर रामचंद्रप्पा, केएस भगवान, योगेश मास्टर, बनजगेरे जयप्रकाश, पाटील पुतप्पा, चेनवीरा कानवी, नटराज हुलियार और चंद्रशेखर पाटिल शामिल हैं.

लिंगायत समुदाय को हिंदू धर्म से अलग करने के लिए चल रहे आंदोलन समर्थकों जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी एसएम जामदा भी शामिल हैं जिन्हें गौरी लंकेश की हत्या के बाद राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा दी गई है.

आपको बता दें, 5 सितंबर को जानी मानी कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरीं लंकेश की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कर्नाटक सरकार अभी तक हत्यारों का पता नहीं लगा पाई है. वहीं राज्य सरकार ने गौरी लंकेश के हत्यारों का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा की है.