दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ, सौ देशों के बराबर है एक ग्राम की कीमत


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नई दिल्ली : महंगाई की खबरें हम रोज़ सुनते हैं पर कभी सोचा है कि दुनिया की सबसे महंगी चीज़ क्या है . क्या कभी सोचा कि ये चीज़ क्या होगी. आप कल्पना भी नही कर सकते लेकिन ये एक ऐसी चीज़ है जिसके एक ग्राम से दुनिया के 100 देश खरीदे जा सकते हैं. जी हां दुनिया के सबसे महंगे मैटीरियल के सिर्फ 1 ग्राम से आप दुनिया के 100 देश खरीद सकते हैं. इसके एक ग्राम की कीमत 31 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये बताई जाती है.

लेकिन हम यहां सिर्फ एक महंगी चीज़ के बारे में नहीं बताएंगे. बल्कि पांच सबसे पहली चीजों के बारे में बताएंगे. सबसे पहले बाताते हैं सबसे महंगे पदार्थ के बारे में

1. एंटीमैटर (Antimatter)
एंटीमैटर दुनिया का सबसे महंगा मटेरियल है. हालांकि इसे बनाना बेहद ही मुश्किल है, इसे लगभग नामुमकिन भी कहा जा सकता है. बेहद कोशिश के बावजूद इसके सिर्फ 309 एटम बनाए जा सके हैं. इस पर बातचीत तो काफी पहले ही शुरू हो गई थी लेकिन जनवरी 2011 में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ने बताया कि ये थंडरस्टॉर्म क्लाउड्स के ऊपरी लेयर में भी पाया जाता है. इसके आलावा CERN टीम ने 309 एंटी हाइड्रोजन एटम 17 मिनट के लिए बनाए थे. असल में इसकी कीमत भी इसलिए ही ज्यादा है कि ये बेहद कम वक़्त के लिए ही क्रियेट किए जा सकते हैं. ये प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और पॉजिट्रॉन सभी के लिए एंटीमैटर है. इसके 1 ग्राम की कीमत 31 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपए है.

2. कैलीफोर्नियम (Californium 252)
कैलीफोर्नियम भी एक बेहद रेयर रेडियोएक्टिव पदार्थ है. इसे न्यूट्रॉन एंटीमैटर के नाम से भी जाना जाता है और एंटीमैटर की खोज से पहले ये ही दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ था. इसकी खोज साल 1950 में लॉरेन्स बर्कले नेशनल लैबोरेट्री में की गई थी. पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि सुपरनोवा के दौरान भी इसकी उत्पत्ति हुई थी हालांकि बाद में ये बात गलत पाई गई. इसके 1 ग्राम की कीमत 1800 करोड़ रुपए है.

3. हीरा (Diamond)
आपको बता दें कि दुनिया भर में चार तरह के हीरे मिलते हैं. इनमें टाइप-2B हीरे सबसे महंगे होते हैं. इसके 1 ग्राम की कीमत 350 करोड़ रुपये तक है. दुनिया भर में कई महंगे हीरे मौजूद है लेकिन कोहिनूर को ही फिलहाल दुनिया का सबसे महंगा हीरा माना जाता है. इसकी कीमत 10 अरब रुपये के आस पास आंकी गई है.

4. ट्रीटियम (Tritium)
ये एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है जिसे हाइड्रोजन-3 भी कहते हैं. ट्रीटियम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके पास अपनी रौशनी होती है जिससे ये अंधेरे में भी चमकता है. क्योंकि ये एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है इसलिए पोलोनियम के अलावा ये भी परमाणु और हाइड्रोजन बम बनाने में काम आता है. इसके 1 ग्राम की कीमत 200 करोड़ रुपये है.

5. टैफेआइट (Taaffeite)
टैफिट भी हीरे, पन्ने या मोती ही की तरह ही एक रत्न है. लेकिन ये दुनिया में सबसे कम पाया जाने वाला रत्न है. ये पूरी दुनिया में सिर्फ तंजानिया और श्रीलंका में पाया जाता है. ये देखने में हल्के लाल रंग का होता है और इसकी खोज रिचर्ड टैफे ने 1898 में की थी. फिलहाल इसके 1 ग्राम की कीमत 130 करोड़ रुपये है.