कार्यकर्ताओं की पिटाई से विचलित हुए राज ठाकरे, कहा- मैंने ही झुग्गियों में आग लगावाई थी

नई दिल्ली: उत्तर भारतीय रेहड़ी वालों के हाथों मस्त पिटाई के बाद राजठाकरे का बैलेंस बिगड़ गया है. उन्होंने आज सरेआम कबूल किया कि  26 अक्टूबर को बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास झोपड़पट्टी में लगी भयंकर आग हादसा नहीं था, उसे जानबूझकर खुद राज ठाकरे ने जलवाया था. इस बयान से पता चलता है कि अपने कार्यकर्ताओं के खौफ के साम्राज्य के टूटने से राज ठाकरे कितने विचलित हो गए हैं. वो ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनका जलवा कायम है.

राज ठाकरे ने कहा, ‘वहां (बांद्रा रेलवे स्टेशन झोपड़पट्टी) सब बांग्लादेशी हैं. उनमें से कईयों ने आधार भी बना लिए हैं. ऐसे ही चलता रहा तो पाकिस्तान की जरूरत नहीं पड़ेगी. हमें इन्हीं से लड़ना पड़ेगा.’ उन्होंने कहा कि मलाड में एमएनएस कार्यकर्ताओं पर हमले की बात को भूला नहीं हूं, इसका जवाब दूंगा.’

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक राज ठाकरे ने कहा, ‘ये जो झोपड़पट्टी में आग लगी थी, ये लगाई गई थी, वहां सब बांग्लादेशी हैं, कौन कहां से आता है, कहां जाता है, कोई हिसाब नहीं है.’ ठाकरे यहीं नहीं रुके, उन्होंने अभिनेता नाना पाटेकर पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वे फेरीवालों का समर्थन करके ठीक नहीं कर रहे हैं. उन्होंने नाना पाटेकर की नकल उतारते हुए कहा कि बिना मुद्दे की पूरी जानकारी के कभी कुछ नहीं बोलना चाहिए. यहां गौर करने वाली बात यह है कि नाना पाटेकर को फेरीवालों का समर्थन करने पर मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम का साथ मिल चुका है. लेकिन ये काम सरकार की जगह राज ठाकरे को करने की इजाजत किसने दी.

दो दिन पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर मुंबई में अवैध रेहड़ीवालों के मुद्दे पर चर्चा की. यह बैठक ऐसे समय हुई जब कल रेहड़ीवालों ने आजाद मैदान में धरना देकर रेहड़ीवालों के लिए नीति तैयार करने की मांग की थी. कल मनसे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच रेहड़ी वालों के मुद्दे पर दादर में भिड़ंत हो गई थी.

शहर में अवैध रेहड़ीवालों को आड़े हाथ लेते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने कल केवल तय स्थानों पर रेहड़ी लगाने का आदेश देते हुए फुट और रेल ओवरब्रिजों पर तथा रेलवे स्टेशनों के 150 मीटर के दायरे में इन गतिविधियों पर पाबंदी लगाई थी.