नवाज शरीफ को जेल पहुंचाने वाली पत्रकार को कार बम से उड़ाया, सैकड़ों हस्तियों की पोल खोली थी

नई दिल्ली :  उस महिला पत्रकार की एक रिपोर्ट से दुनिया हिल गई थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को जेल जाना पड़ा. था . उसके खुलासे से आइसलैंड, यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के शाह और डेविड कैमरन के पिता का के काले कारनामों की पोल खुली. व्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी का नकाब उतरा. भारत की कई नामी हस्तियों पर भी सवाल उठे. ये अलग बात है कि सरकार जांच को दबाकर बैठ गई है. उस महिला पत्रकार की ताकत का लोहा दुनिया मानती थी . उसके अपने देश के सारे अखबारों के जितने पाठक थे उतने पाठक उसके ब्लॉग के थे . उस पत्रकार डैफनी कैरुआना गलिजिया की मंगलवार को कार बम ब्लास्ट में हत्या कर दी गई. डैफनी भारत के द वायर की तरह एक स्वतंत्र ब्लॉग चलाती थीं.

माल्टा में शानदार खुफिया पत्रकार के तौर पर पहचाने जाने वालीं डैफनी की गाड़ी में बम फटा और मौके पर ही उनकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि वह अपने घर से निकली थी और नॉर्थ माल्टा की ओर जा रही थी. तभी कार में धमाका हुआ. गलिजिया एक स्वतंत्र ब्लॉग चलाती थी, जिसके जरिए वह भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा कर चुकी थीं. डैफनी को लेडी विकिलिक्स भी कहा जाता था.

मौत से कुछ समय पहले ही उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा था कि यहां हर जगह बदमाश हैं, स्थिति बेताब है. डैफनी की मौत के बाद करीब 3000 लोगों ने कैंडल मार्च भी निकाला.

माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट ने बताया कि पत्रकार की मौत एक बर्बर हमला है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है. उन्होंने पत्रकार की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि पत्रकार राजनीतिक और व्यक्तिगत स्तर पर मेरी कटु आलोचक थीं, लेकिन वह उनकी हत्या की निंदा करते हैं.

महिला पत्रकार ने वर्ष 2016 में लीक हुए पनामा पेपर्स में माल्टा के संबंधों के बारे में लिखा था. उन्होंने लिखा था कि मस्कट की पत्नी और सरकार के चीफ ऑफ स्टाफ की, अजरबेजान से धन देने के लिए पनामा में विदेशी कंपनी थी. कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने  माल्टा के अखबारों को बताया कि डेफ्ने ने दो सप्ताह पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं.

एनजीओ ने किया था खुलासा

साल 2016 की शुरुआत में अमेरिका स्थित एक एनजीओ खोजी पत्रकारों के संघ ICIJ ने एक बड़ा खुलासा किया था. ये स्वतंत्र पत्रकारों का वैसा ही समूह है जैसा भारत में द वायर है. इसमें बताया गया कि कई देश टैक्स हेवेन बने हुए हैं और तमाम देशों के राजनेता और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां यहां पैसा निवेश कर टैक्स बचा रही हैं. इस खुलासों में ढेरों फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों के अलावा दुनिया भर के करीब 140 राजनेताओं, अरबपतियों की छिपी संपत्ति का भी खुलासा हुआ था. खुलासा करने वाले पत्रकारों के समूह में डैफनी अगुवा पत्रकार रही थीं.