सरकार हिला सकता है मोदी का ये पुराना साथी, कहा सरकार अयोग्य लोगों के हाथ में

मुंबई :  जैसे जैसे 2019 आ रहा है मोदी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अभी तक तो मोदी को सोशल मीडिया पर ही घेरा जा रहा था या फिर इक्का दुक्का बयान विरोधी पार्टियों के आ जाते थे लेकिन अब मोदी के अपने साथी ही समाने आ गए हैं. शिव सेना ने कहा है कि अयोग्य और जनविरोधी लोक देश को चला रहे हैं.  इतना ही नहीं शिव सेना ने जो संकेत दिए हैं उनसे गठबंधन टूटने के आसार भी नज़र आने लगे हैं.

इतना ही नहीं भाजपा से गठबंधन को बरकरार रखना है या तोड़ना है इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सासदों और विधायकों के साथ बैठक भी की . शिवसेना नेता और पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों ने इस पर फैसला लेने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर छोड़ दिया है. राउत ने यह भी कहा कि भाजपा से गठबंधन को लेकर पार्टी जल्द फैसला लेगी.

शिवसेना को सबसे ज्यादा नाराज़गी केजे अल्फोंस के अकड़ो बयान से हैं. उन्होंने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का यह कहते हुए बचाव किया था कि वाहन मालिक भूखे नहीं मर रहे और पेट्रोल का खर्चा वहन कर सकते हैं. ईंधन के दामों के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने दावा किया कि ईंधन के ज्यादा दाम देश में किसानों द्वारा खुदकुशी करने का मुख्य कारण है.

शिव सेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि गरीबों को कभी बेइज्जत नहीं किया गया, कांग्रेस के शासन में भी. इसमें कहा गया कि अलफोंस की इस टिप्पणी से मध्यम वर्गीय आदमी का अपमान किया गया है. शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस के शासन में जब ईंधन के दाम बढ़ रहे थे तब राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और सुषमा स्वराज, जो अब मंत्री हैं, विरोध के लिए सड़कों पर बैठ गये थे.

सामना के संपादकीय में कहा गया है, इनकी सुनो! बिना किसी राजनीतिक अनुभववाले नौकरशाह से मंत्री बने इनमें ही शायद वह तमाम ‘गुण’ हैं जिनकी, बकौल अमित शाह, कांग्रेस में कमी है. अलफोंस जैसे लोग मुद्रास्फीति को सही बता रहे हैं. यह सच में बहुत दुखद है. मुद्रास्फीति और बेरोजगारी लोगों की चिंताओं को बढ़ा रही है. शिवसेना ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना में करोड़ों रुपये खर्च किए जायेंगे. अगर ये रुपये महंगाई से निपटने में लगाये जाते तो सभी लोगों को भला होता.