पत्रकारों की ज़िंदगी की कड़वी हकीकत, मर मर कर जी रहे हैं मीडिया वाले

सीएसडीएस ने भारतीय पत्रकारों और मीडिया हाउसेज की स्थिति पर एक गहन सर्वेक्षण का प्रकाशन किया है। यह रिपोर्ट सिर्फ भारतीय मीडिया के लिए ही नहीं, अपितु अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में भी उपयोगी जानकारी प्रदान करती है।

सर्वेक्षण द्वारा पता चला है कि भारतीय पत्रकारों की स्थिति चिंताजनक है, जहां पत्रकारिता के क्षेत्र में स्वतंत्रता और न्यायाधीनता का अभाव महसूस किया जा रहा है। सरकारी दबाव, शारीरिक हमले, और धमकियां भी पत्रकारों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। मीडिया हाउसेज में विचारधारा-विरोधी प्रक्रियाओं के कारण, पत्रकारों की स्वतंत्रता और आपसी विश्वास को खतरा महसूसा जा रहा है।

अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी, पत्रकारों को जीवन खतरे में डालने वाले घटनाओं की सूचना सामने आई है। देशांतर्गत विशेषकर विनाशकारी घटनाओं के चलते पत्रकारों के सुरक्षा के मामले भी गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं।

यह सीएसडीएस की रिपोर्ट है जो न केवल भारतीय पत्रकारों की स्थिति को बदलने में मदद करेगी, बल्कि समूचे विश्व के पत्रकारिता के क्षेत्र में नए दिशानिर्देश प्रदान करेगी।

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