तन्वी सेठ पासपोर्ट मामले में हिंदूवादियों को झटका, जांच में गलत पाया गया पासपोर्ट अफसर मिश्रा

सुषमा स्वराज की ट्रोलिंग करने, तमाम सांप्रदायिक गलत फहमियां फैलाने और बाकी अन्य कोशिशें बेकार हुईं आखिर तन्वी सेठ पासपोर्ट मामले में पास्पोर्ट अधिकारी शर्मा की गलती पायी गई है. आपको याद होगा अंतरधार्मिक विवाह करने वाले यूपी के जोड़े को काफी लंबे चले विवाद के बाद आखिरकार पासपोर्ट जारी कर दिए गए. लखनऊ के पासपोर्ट कार्यालय ने विदेश मंत्रालय के नए नियमों के तहत तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट जारी कर दिए हैं.

उधर सरकार की एक आंतरिक जांच में पाया गया है कि दस्तावेज के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए अंतरधार्मिक दंपति से धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने वाला लखनऊ का पासपोर्ट अधिकारी गलत था.

लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने आज बताया कि तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं. विदेश मंत्रालय के जून 2018 के नियमों के अनुसार पुलिस रिपोर्ट में छह अहम बिंदुओं में अगर आवेदक पर कोई आपराधिक केस नहीं है और उसकी नागरिकता पर कोई विवाद नहीं है तो पासपोर्ट नहीं रोका जा सकता. इसी आधार पर तन्वी और अनस को पासपोर्ट जारी किया गया है.

गौरतलब है कि नोएडा की रहने वाली तन्वीा सेठ अपना पासपोर्ट बनवाने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंची थी. इस दौरान तन्वीन ने पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र पर धर्म के नाम पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया था.

केंद्र सरकार की एक आंतरिक जांच में पाया गया है कि दस्तावेज के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए अंतरधार्मिक दंपति से धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने वाला लखनऊ का पासपोर्ट अधिकारी गलत था.

सूत्रों ने आज बताया कि पासपोर्ट जारी करने के लिए जरूरी सत्यापन प्रक्रिया के समय उनके आवास और अन्य अप्रासंगिक ब्यौरा जुटाने में उत्तरप्रदेश पुलिस ने भी गलती की. विदेश मंत्रालय द्वारा तन्वी सेठ और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्धीकी को कथित तौर पर परेशान करने वाले लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा के तबादले के बाद ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को निशाना बनाया गया.

सूत्रों ने बताया है कि लखनऊ का पासपोर्ट अधिकारी पूछताछ की सीमा को पार कर गया. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सेठ की पुलिस सत्यापन रिपोर्ट की भी जांच की और पाया गया कि दंपति के बारे में अप्रासंगिक ब्यौरा निकालने में उसने भी सीमा लांघ दी.

सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया के तहत पुलिस को बस इसकी तफ्तीश करनी चाहिए थी कि क्या आवेदक किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त है और वह भारतीय नागरिक है या नहीं. मिश्रा के स्थानांतरण के बाद ट्रोल ने सुषमा को जमकर निशाना बनाया. पासपोर्ट के लिए आवेदन के वक्त कार्यालय में अपमानित करने संबंधी दंपति की शिकायत के बाद मिश्रा का स्थानांतरण लखनऊ से गोरखपुर कर दिया गया.

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