सरकार ने पहली बार लोगों के करोड़ों नहीं डुबाए हैं. जानिए कब कब आई बड़ी गिरावट

नई दिल्ली : शेयर बाज़ार में देश के रक्षा बजट का भी पांच गुने के आसपास पैसा डूब चुका है. केन्द्रीय बजट पेश करे के बाद सिर्फ चार दिन के कारोबार में देश के साढ़े बारह लाख करोड़ रुपये डूब गए. लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब मार्केट डूब हो. निवेशकों को डुबाने में सरकारें पहले भी कई बार योगदान दे चुकी हैं. आपकी याददाश्त को ताज़ा करने के लिए कुछ मौके यहां याद दिला रहे हैं.

8 नवंबर 2016: 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने कालेधन के खिलाफ नोटबंदी जैसा बड़ा कदम उठाया. इस कदम का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला. 9 नवंबर 2016 को बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 1689 अंकों तक की गिरावट देखने को मिली. यह बीते 15 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट थी. आपको बता दें कि नोटबंदी के फैसले के कारण बाजार में प्रचलित 86 फीसद करेंसी (500 और 1000 के नोट) अमान्य कर दी गई थी.

21 जून 2008: यह सेंसेक्स के लिए सबसे बड़ी गिरावट वाला दिन रहा. सेंसेक्स इस दिन (सोमवार) 1,408 प्वाइंट तक गिर गया. हालांकि दिन कि निचला स्तर 16,963.96 छूने के बाद सुधरकर 17,605.40 पर आ गया था.

22 जून 2008: सोमवार को सेंसेक्स में आई गिरावट मंगलवार को भी जारी रही. सेंसेक्स ने इंट्रा डे की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज कराई. इसने 15,332 का निचला स्तर छुआ, जो कि करीब 2,273 अंकों की गिरावट थी. निफ्टी इस दिन 4,899 अंकों के स्तर तक गिर गया था जो कि 310 अकों की गिरावट थी.

18 मई 2006: इस दिन सेंसेक्स ने 826 अंकों (6.76 फीसद) की गिरावट दर्ज कराई और यह गिरकर 11,391 पर बंद हुआ. इसकी प्रमुख वजह एफआईआई की ओर से की गई भारी बिकवाली रही. निफ्टी भी इस दिन 496.50(8.70 फीसद) अंक टूटकर 5,208.80 पर आ गया था.

17 दिसंबर 2007: दिन का कोरबार शुरू होने के बाद दोपहर तक मार्केट में भारी बिकवाली देखने को मिली और सेंसेक्स लुढ़ककर 19,177 पर आ गया जो कि 856 अंकों की गिरावट रही. सेंसेक्स इस दिन 769 अंकों (3.8 फीसद) की गिरावट के साथ 19,261 पर आकर घाटे में रहा. वहीं निफ्टी भी इस दिन 271 अंक टूटकर 5,777 पर आ गया था.

18 अक्टूबर 2007: दोपहर के कारोबार तक बाजार में मुनाफा वसूली देखी जाने लगी और सेंसेक्स नकारात्मक जोन में चला गया. मुनाफावसूली की यह रफ्तार बाजार बंद होने तक जारी रही और सेंसेक्स लुढ़ककर 17,771 के स्तर तक जा पहुंचा. इसने दिन की 1,428 अंकों की गिरावट दर्ज की. सेंसेक्स 717 अंकों (3.8 फीसद) की गिरावट के साथ 17,998 पर बंद हुआ. निफ्टी भी इस दिन 208 अंक टूटकर 5,351 के स्तर पर आ गया था.

18 जनवरी 2008: इस दिन कारोबार के आखिरी घंटे में शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 786 अंक लुढ़ककर अपने डे हाई से 18,930 के स्तर पर आ गया. सेंसेक्स इस दिन 687 अंक (3.5 फीसद) की गिरावट के साथ 19,014 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं एनएसई का निफ्टी इस दिन 3.5 फीसद (208 अंक) की गिरावट के साथ 5,705 के स्तर पर बंद हुआ.

21 नवंबर 2007: एशियाई बाजारों में जारी कमजोरी के साथ ही सेंसेक्स में भी बिकवाली देखने को मिली. इस दिन सेंसेक्स लुढ़ककर 18,515 अंक के स्तर पर आ गया, यह इसकी पिछली क्लोजिंग से 766 अंकों की गिरावट रही. इस दिन सेंसेक्स ने आखिरकार 678 अंकों की गिरावट के साथ 18,603 का स्तर छुआ. वहीं निफ्टी भी इस दिन लुढ़ककर 5,561 के स्तर पर बंद हुआ.

16 अगस्त 2007: बीते दिन 500 अंकों की गिरावट के बाद सेंसेक्स में गिरावट जारी रही. इस दिन सेंसेक्स 14,345 के साथ निचले स्तर पर रहा. इस दिन इंडेक्स 643 अंकों की गिरावट के साथ 14,358 अंकों पर बंद हुआ.