जब वकील को कोर्टरूम से बाहर फिंकवाया गया, सीरियल रेप के आरोपी की कर रहा था पैरवी

नई दिल्लीः हाल के सालों में शायद ही आपने कभी ऐसा सुना हो कि अदालत ने किसी वकील को कोर्ट ने बाहर फिंकवा दिया हो. कोर्ट को ये कदम उठाना पड़ा क्योंकि आजकल घिसी पिटी घटिया पुरातनपंथी सोच को बढ़ावा देने का दौर चल रह है. वकील की हिम्मत देखिए उसने कानून की अदालत में कहा कि नारी नरक का द्वार है. अदालत उसे रोकती रही और वकील अपनी बात पर अड़ा रहा. हारकर कोर्ट ने उसे जाने को कहा लेकिन नहीं गया आखिर उसे बाहर फेंकने का आदेश दिया गया.

ये वकील अनगिनत नाबालिग लड़कियों से सीरियल रेप के आरोपी वीरेन्द्र देव दीक्षित की पैरवी कर रहा है. दीक्षित फरार है. सीबीआई को झाड़ लगाई गई तो उसने कहा कि हमने लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी कर दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी.हरि शंकर ने पूछा था कि क्या दीक्षित अपने आश्रम और अपने खिलाफ दर्ज शिकायत पर चल रही जांच में शामिल हुआ या नहीं, जिसके बाद सीबीआई ने अदालत को उक्त जानकारी दी.

आश्रम के वकील पर भड़के जज

जब अदालत ने पूछा कि अगर आश्रम ‘आध्यात्मिक’ स्थान है तो वहां लड़कियों और महिलाओं को बंद करके क्यों रखा गया पुरुषों और लड़कों को क्यों नहीं. इस पर आश्रम के वकील ने कहा , ‘‘शंकराचार्य के मुताबिक नारी नरक का द्वार है.’’ आगे वह कुछ कह पाते, पीठ ने कहा कि वह ऐसी दलीलों के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही करेगी और उनके साथ ही सबको अदालती कक्ष से चले जाने को कहा.

वकील बोले, आश्रम को खुद ईश्वर चलाते हैं

सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की परिभाषा के मुताबिक आश्रम विश्वविद्यालय नहीं है और लिहाजा यह अपने आप को विश्वविद्यालय के तौर पर पेश नहीं कर सकता है. अदालत ने टिप्पणी की कि उत्तर दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित आध्यात्मिक केंद्र को विश्वविद्यालय का कोई कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं था. यह न तो पंजीकृत सोसाइटी है और न ही कंपनी कानून के तहत कारपोरेट संस्था है.

बहरहाल, पीठ ने आश्रम द्वारा विश्वविद्यालय का नाम इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया क्योंकि आश्रम के वकील ने कहा कि आदेश देने से पहले उन्हें सुना जाए. वकील ने बताया कि आश्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकार क्षेत्र मे नहीं है क्योंकि इसे ईश्वर अपने अवतार के माध्यम से चला रहे हैं और ईश्वर खुद ही शिक्षा देते हैं.