आदर्श घोटाले में बरी हो गए अशोक चव्हाण, लेकिन कुर्सी गई उसका क्या ?

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान इस खबर को लेकर समझ नहीं पा रहे हैं कि खुश हों या दुखी. उन्हें आदर्श घोटाले के कारण अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. अब उसी आदर्श घोटाले में वो दोषमुक्त हो गए हैं.  हाई कोर्ट ने आदर्श सोसायटी घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर केस चलाने की अनुमति देने वाले राज्यपाल के आदेश को खारिज कर दिया है. फैसले के बाद अब साफ हो गया है कि चव्हाण पर आदर्श घोटाले में कोई केस नहीं चलेगा.

बता दें कि चव्हाण पर आदर्श सोसायटी में अपने रिश्तेदारों को दो फ्लैट देने की एवज में सोसायटी को अतिरिक्त एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) देने का आरोप था. उनपर यह भी आरोप था कि जब वह राजस्व मंत्री थे, उन्होंने गैरकानूनी रूप से गैर सैनिकों को 40 प्रतिशत ज्यादा फ्लैट देने की मंजूरी दी थी. सीबीआई की एफआईआर में उनका नाम भी शामिल था, लेकिन दिसंबर 2013 में उस समय के राज्यपाल के. शंकरनारायण ने चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था.

हालांकि मार्च 2015 में हाई कोर्ट ने चव्हाण की यह मांग मानने से इनकार कर दिया था कि उनका नाम इस केस से निकाल दिया जाए क्योंकि राज्यपाल ने भी मंजूरी देने से मना कर दिया है. इसके बाद सीबीआई ने एक बार फिर राज्यपाल से संपर्क किया और फरवरी, 2016 में राज्यपाल ने चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.