दिल्ली में सीलिंग फिर शुरू, डिफेंस कॉलोनी से शुरुआत, चार्ज देने के बावजूद सीलिंग

नई दिल्ली : एमसीडी ने व्यापारियों को नये साल का झटका दिया है. क्रिसमस से ठीक तीन दिन पहले आज से दिल्ली में सीलिंग शुरू हो गई है. कार्रवाई डिफेंस कालोंनी से शुरू हुई. यहां पहली और दूसरी मंजिल पर चलने वाले रेस्टोरेंट, बार और दूसरी कमर्शियल गतिविधियों को सील कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक करीब 20 प्रापर्टी डिफेंस कालोनी में सील की गई हैं. ये अभियान अब जारी रहेगा और दिल्ली के दूसरे हिस्सों में भी सीलिंग होगी.

सीलिंग की कार्रवाई की कारण कनवर्जन चार्ज जमा न करना बताया गया जबकि दुकानदारों का कहना था कि उन्होंने कनवर्जन चार्ज जमा करा दिया है. फिर भी उनकी दुकान सील हुई. स्थानीय दुकानदार जसमीत कौर के मुताबिक उन्होंने करीब 60 लाख रुपए कन्वर्जन चार्ज के तौर पर जमा किए हुऐ हैं, लेकिन फिर भी उनकी दुकान सील कर दी गई. दुकानदारों की शिकायत है कि उन्हें न तो नोटिस दिया गया और न ही कन्वर्जन चार्ज की जानकारी , बस उनकी दुकानें सील कर दी गईं.

2006 में सुप्रीम कोर्ट ने रिहायशी इलाकों में चल रही मार्केट्स को सील करने के आदेश दिए थे. तब करीब 70 फीसदी बाजार सीलिंग की ज़द में आ गए थे और हड़कंप मच गया था. हज़ारों दुकानें सील कर दी गईं थी, इसके बाद आनन फानन में केंद्र सरकार, एमसीडी और डीडीए जैसी एजेंसियां हरकत में आयीं. ऐसी सड़कों को जो रिहायशी इलाकों में गिनी जाती थीं, उनका लैंड यूज़ बदला गया. कुछ को मिक्स लैंड यूज की कैटेगरी में रखा गया और कुछ को कमर्शियल, ताकि सीलिंग से राहत मिल सके.

इसके बाद 2007 के मास्टर प्लान में भी बदलाव करके सीलिंग से दिल्ली को राहत दिलायी गई थी. लेकिन इसके साथ ही ये नियम बनाया गया था कि रिहायशी इलकों से कमर्शियल मार्केट कैटेगरी में तब्दील की गईं सड़कों पर मौजूद दुकानदारों को कन्वर्ज़न चार्च और पार्किंग चार्ज देने होंगे. करीब दो साल तक चली सीलिंग की कवायद के बाद मामला इन बदलावों की वजह से ठंडा पड़ गया था.

मामला ठंडा पड़ते ही दुकानदारों ने कन्वर्ज़न चार्ज नहीं दिया और न ही एमसीडी ने कन्वर्ज़न चार्ज वसूलने को लेकर कोई दिलचस्पी दिखायी. अब अचानक एक बार फिर मानिटरिंग कमेटी ने कन्वर्जन चार्ज नहीं देने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.