क्या कुमार विश्वास से डर गए केजरीवाल, PAC में अनुशासनहीनता पर बात क्यों नहीं?

नई दिल्ली: केजरीवाल सरेआम पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे कुमार विश्वास पर सवाल नहीं उठा सके तो अमानतुल्लाह को बाहर का रास्ता दिखा दिया. अमानतुल्ला ने जो सवाल उठाए हैं उन पर कुमार विश्वास से भी जो जवाब मांगना बनता है.
अपने मन की बात बाहर निकालते हुए अमानतुल्ला ने कहा, “मैंने पीएसी के अंदर अपनी सारी बातें रखीं. वह पीएसी के इतर जाकर बाहर बात करते हैं चाहे वह ईवीएम का मसला हो या दूसरा. वह पंजाब चुनाव लड़ाने नहीं गए, निगम चुनाव में उन्होंने प्रचार नहीं किया. इन चीजों से पार्टी को नुकसान हुआ.
वह बाहर पार्टी नेतृत्व पर बयानबाजी कर रहे हैं. टिकट बंटवारे के दौरान वह भी मौजूद थे. उनकी बात हर जगह सुनी जाती है फिर बाहर आकर वह बात क्यों करते हैं. वो कांग्रेस और बीजेपी के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं.
आज यह बात मैं कह रहा हूं कल सब लोग मानेंगे. मैंने इस्तीफा दिया. गलत बात उन्होंने भी की हैं पार्टी को नुकसान उनसे भी हुआ है तो वह अपना स्टैंड बताएं कि क्या है.”
अमानतुल्ला ने कहा- आज मैंने इस्तीफा दे दिया, कुमार साहब ने क्या फैसला लिया. उन्होंने भी बाहर बहुत सारी बातें बोलीं. पार्टी पर मीडिया में जाकर हमले किए. मैंने खेद प्रकट किया. जो साथी पार्टी के बाहर बोल रहे हैं क्या वह खेद प्रकट करेंगे. क्या उन्होंने अफसोस जताया.
ये पार्टी कमजोर करने की साजिश है. सिर्फ चार-पांच विधायक इनके साथ हैं जो बोल रहे हैं उनको गुमराह किया”पार्टी को कमजोर करने की बात वो करते हैं. पीएससी में जो बात होती है उसके उलट वह बाहर आ कर बात करते हैं. विधायकों को लामबंद करा रहे हैं.

चार विधायक और एक मंत्री उनके साथ हैं, वक्त आने पर मैं बता दूंगा. विधायकों को बुलाकर कहते हैं मुझे संयोजक बनाओ, नहीं बनाओ तो फिर बीजेपी में चलो. मैं तो पार्टी को बचाने की बात कर रहा हूं. पार्टी के हित में बात कर रहा हूं.
अमानतुल्ला ने कहा – मैं उनसे पूछना चाहता हूं जब उन पर फर्जी मुकदमे हो रहे थे बस्सी साहब दिल्ली के पुलिस कमिश्नर थे कार्यकर्ताओं को जेल भेजा जा रहा था तब इन्होंने अपने जन्मदिन पर बस्सी साहब को बुलाया. इस बात से अरविंद जी भी नहीं पहुंचे थे. इनका गहरा रिश्ता है उनसे तभी तो वो इनके जन्मदिन की पार्टी पर आए.”
उनके मुताबिक उन्होंने मीटिंग के दौरान केजरीवाल से कहा, “आज मैं कह रहा हूं अरविंद जी आप मानें या ना मानें लेकिन कल आप खुद मानेंगे.” उनके मुताबिक चूंकि बात उनके ऊपर आ रही थी इसलिए वे अपना इस्तीफा पीएसी को सौंपकर बाहर चले आए.
उन्होंने बताया कि मीटिंग के दौरान दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल उनसे काफी नाराज थे. इसके अलावा अमानतुल्ला ने कुमार विश्वास पर जमकर हमला बोला और उनसे अपना स्टैंड क्लियर करने की बात कही. आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर AAP PAC की बैठक हुई थी. जिसमें अमानतुल्ला ने पार्टी की पीएसी से इस्तीफा दे दिया और उसे तत्काल मंजूर भी कर लिया गया था.
इस मामले में दूसरा सवाल ये भी है कि केजरीवाल ने कुमार विश्वास को किस आधार पर माफ किया. केजरीवाल ने ये कहकर उनका बचाव किया कि कुमार उनके दोस्त हैं. बड़ा सवाल ये है क्या निजी दोस्ती के लिए पार्टी को कुर्बान किया जा सकता है? अगर कोई आपका दोस्त है तो पार्टी पर सवाल उठा सकता है पार्टी में कोई मुंह भी न खोले?