NRC से छूट गए 40 लाख लोगों पर नहीं होगा एक्शन, राजनाथ का संसद में एलान

नई दिल्‍ली : असम के एनआरसी मुद्दे पर मचे सियासी घमासान पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को संसद में जानकारी दी कि एनआरसी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. उन्‍होंने साफ किया कि इस मामले में जो लोग छूट गए हैं, उनके खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्‍होंने कहा कि यह 40 लाख परिवार नहीं हैं, बल्कि ये व्‍यक्तियों की संख्‍या है. आपको याद होगा कि संघ परिवार पहला 60 लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात करता रहा है. अब ये आंकड़ा 40 लाख का आया है और इसे भी सरकार सही नहीं मान रही.

उन्‍होंने साफ किया कि एनआरसी में कोई भेदभाव ना तो हुआ है और ना ही किया जाएगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि जिसे एनआरसी में नाम जुड़वाना है उसे सर्टिफिकेट पेश करना होगा. एनआरसी को लेकर हम शांति और सौहार्द बनाकर रखेंगे. 1971 से पहले के दस्‍तावेज दिखाने पर एनआरसी में नाम आ जाएगा. मामले में अनावश्‍यक डर फैलाने की कोरिश की गई है.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया 1985 में असम समझौते के जरिये तत्‍कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में शुरू हुई थी. इसको अपडेट करने का निर्णय 2005 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लिया था.

उन्‍होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में पूरी की गई है. उन्‍होंने कहा ‘मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि यह अंतिम मसौदा है, अंतिम सूची नहीं है. सभी लोगों को अपील करने का मौका मिलेगा. यह पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया है.’

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