मज़ाक के नाम पर अपमान का तनिष्ठा चटर्जी ने दिया मुंहतोड़ जवाब

भारत में टीवी पर चमकने वाले ज्यादातर लोगों को मूलभूत लियाकत भी नहीं है. भद्दे मज़ाक और छिछली जानकारी हर जगह दिखाई देती है. न्यूज़ चैनलों पर अगर अजब गजब टाइप की विषयों की समझ दिखाई देती है तो मनोरंजन चैनलों को एहसास ही नहीं है कि वो कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी का काम कर रहे हैं. कॉमेडी के नाम पर फूहड़ता से भरी विदेशी कॉन्सेप्ट की नकल दिखाई देती है, सामाजिक जिम्मेदारी और शिष्टाचार भी ये चैनल भूल चुके हैं. हाल ही में टीवी के इस फूहड़पन के खिलाफ फ़िल्म अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी ने काबिले तारीफ कदम उठाया. उन्होंने खुलकर इस टीवी शो की अपमानजनक और रंगभेदी जातिवादी सोच की निंदा की.  35 साल की तनिष्ठा चटर्जी इस टीवी शो में अपनी फ़िल्म पार्च्ड के प्रमोशन के सिलसिले में शामिल होने के लिए फ़िल्म की निर्देशिका लीना यादव और अभिनेत्री राधिका आप्टे के साथ पहुंची थीं.

लेकिन जब उनके सांवले रंग को लेकर मज़ाक किया गया तो वह शो के बीच से ही निकल गईं. इसके बाद उन्होंने फ़ेसबुक पोस्ट के जरिए इस बात पर अपना विरोध जताया.

उन्होंने लिखा कि शो के आधे हिस्से तक उनके रंग को लेकर मज़ाक उड़ाया जाता रहा, इंतज़ार करती रहीं कि टॉपिक शायद बदले. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो तनिष्ठा शो से निकल गईं.

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “एक बार मुझसे पूछा गया- आपका सरनेम चटर्जी है? तो आप ब्राह्मण हैं. आपकी मां का सरनेम क्या है? मित्रा! वो भी ब्राह्मण थीं. इसके बाद मुझे अप्रत्यक्ष तौर पर संकेत दिया गया कि फिर भी मेरा रंग सांवला क्यों है? यह हमारी सोच में गहरे तक बैठा हुआ है और जाति, वर्ग और रंग को लेकर पूर्वाग्रह से जुड़ा है. सवर्ण का मतलब साफ़ रंग, घुलमिल सकते हैं. निचली जाति का मतलब सांवला या काला रंग और वे अछूत हैं.”

दुर्भाग्य की बात ये है कि कार्यक्रम के निर्माता, निर्देशक और लेखक के साथ साथ कलाकारों को भी अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास नहीं था. और तो और कलर्स चैनल के एक्जीक्यूटिव एडिटर भी बोड़म की तरह इस घटिया कृति को एयर पर जाते देखते रहे. उनकी पोस्ट के वायरल होने के बाद शो का प्रसारण करने वाली कलर्स टीवी ने तनिष्ठा से माफ़ी मांगी और कहा कि शो के प्रसारण में आपत्तिजनक हिस्से को प्रसारित नहीं किया जाएगा.

कलर्स टीवी पर आने वाले कॉमेडी नाइट्स बचाओ को हास्य कलाकार कृष्णा और भारती प्रस्तुत करते हैं. इस कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों का मज़ाक उड़ाया जाता है . बदकिस्मती से इस शो में मज़ाक और अपमान के अँतर को कलाकार समझ ही नहीं पाते.