NDTV के भविष्य पर सस्पेंस बरकरार, नतीजा निकालने में न करें ज़ल्दी

नई दिल्ली :  एनडीटीवी की बिक्री से जुड़ी खबरों पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. अलग अलग समाचार माध्यम इस बारे में लगातार परस्पर विरोधी सूचनाएं जारी कर रहे हैं. कल इंडियन एक्सप्रेस ने एनडीटीवी के सूत्रों के हवाले से इस बिक्री की खबर दी थी . उसके बाद शाम होते होते द हिंदू ने खबर जारी कर दी कि एनडीटीवी में उसके सूत्रों ने बिक्री का खंडन किया है.

भ्रम की वजह है एनडीटीवी की चुप्पी. कंपनी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है. कंपनी ने न तो अपनी वैबसाइट पर इससे जुड़ी कोई खबर दी है न इतनी बड़ी सूचना मीडिया में आने के बावजूद कोई ट्वीट किया है.

द हिंदू ने जब एनडीटीवी के एक अधिकारी के हवाले से इस खबर को “पूरी तरह बेबुनियाद” बताया था तो कहा था कि एनडीटीवी शुक्रवार (22 सितंबर) शाम तक इस बारे में आधिकारिक बयान भी जारी कर देगा लेकिन कोई बयान अभी तक नहीं आया है सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस को एनडीटीवी के करीबी सूत्रों ने बताया था कि “सौदा पक्का हो चुका है.” इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सौदे के बाद एनडीटीवी के सह-संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत रह जाएगी और अजय सिंह के पास करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. एनडीटीवी (नई दिल्ली टेलीविजन) की 1988 में स्थापना हुई थी. इस साल जून में सीबीआई ने प्रणय रॉय और राधिका रॉय के दफ्तर और घर पर छापा मारा था. एनडीटीवी पर बैंक का लोन न चुकाने और वित्तीय हेराफेरी का आरोप है. एनडीटीवी ने एक बयान जारी करके सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था.

इस बीच सोशल मीडिया पर एनडीटीवी का एक मेल वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि ये मेल बीएसई को एनडीटीवी ने लिखा. है इस मेल में कहा गया है कि कंपनी ने एनडीटीवी की बिक्री के लिए कोई समझौता नहीं किया है. इस मेल को अकेला ऐसा सबूत माना जा रहा है जो बिक्री का खंडन करता है. लेकिन जानकार कहते हैं कि किसी तकनीकी खामी के हालात में ऐसा मेल जारी किया जा सकता है. क्योंकि जब तक कोई आधिकारिक एग्रीमेंट न हो जाए कंपनी कोई घोषणा नहीं कर सकती. इंडियन एक्सप्रेस ने हो सकता है मामला पकने से पहले ही खबर का सार्वजनिक कर दिया हो. अगर एनडीटीवी इसकी पुष्टि करता तो वो गैर कानूनी होता इसलिए उसने बीएसई से इनकार करके अपनी स्थिति तकनीकी तौर पर मजबूत कर ली लेकिन जनता से कुछ नहीं कहा.

ऐसा भी नहीं है कि कंपनी अपने शेयर बेचने की प्रक्रिया में नहीं है. जिस दिन कंपनी ने बीएसई को मेल लिखा उसी दिन कंपनी ने अपनी कंपनी फिफ्थ गियर वेंचर्स की अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेची और ऑटो बाइट प्राइवेट लिमेटेड को ये हिस्सा दिया . इस पूरे विश्लेषण का मतलब एक ही है कि अभी एनडीटीवी के मामले में जल्द नतीजा निकालना ठीक नहीं होगा. आने वाले दिनों में हो सकता है आधिकारिक रूप से कोई बड़ी खबर सुनने को मिले.