वैज्ञानिक महिला ने कुक के खिलाफ दर्ज करवाया केस, कहा- खुद को ब्राह्मण और सुहागिन बताकर धोखा दिया

नई दिल्ली : ये है इक्कीसवी सदी, ये हैं भारत के वैज्ञानिकों का सोच, ऐसा विज्ञान पढ़ा रही हैं हमारे देश की यूनिवर्सिटीज. पुणे की इस वैज्ञानिक महिला ने साबित कर दिया है कि हमारे देश में विज्ञान कोई कितना भी पढ़ ले लेकिन उसकी सोच में विज्ञान कभी नहीं आ सकता.

पुणे में मौसम विभाग में कार्यरत एक वैज्ञानिक हैं इन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि भी ली है. इन वैज्ञानिक का नाम है डॉ मेधा विनायक खोले. डॉक्टर खोले ने सिंहगढ़ रोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके घर में रसोई बनाने वाली महिला ने खुद को ब्राह्मण और सुहागिन बताकर उनके साथ धोखा किया. वैज्ञानिक महिला को शिकायत है कि नौकरानी का नाम निर्मला यादव है. जबकि उसने अपना नाम निर्मला कुलकर्णी बताया. पुलिस ने निर्मला यादव के खिलाफ धारा 419, 352, 504 के तहत मामला दर्ज किया है. दूसरी तरफ निर्मला का कहना है कि उसने कोई चोरी नहीं की है. उसने अपने पेट के लिए झूठ बोला लेकिन उनका काम किया है खाना बनाया है.

डॉ मेधा खोले की शिकायत की मुताबिक, गौरी गणपति और श्राद्ध का भोजन बनाने के लिए उन्हें हर साल ब्राह्मण और सुहागिन महिला की जरूरत पड़ती है. साल 2016 में निर्मला खुद को ब्राह्मण और सुहागिन बताकर उनके घर आयी और पूजा के लिए भोजन बनाने की बात कही. डॉ मेधा के मुताबिक उन्होंने तब उस महिला के घर जाकर पूछताछ की थी तब उसने अपना नाम निर्मला कुलकर्णी बताया था जिसके बाद उन्होंने निर्मला को घर में रसोई बनाने की इजाजत दे दी. उसके बाद भी जब भी धार्मिक आयोजन होता निर्मला उनके यहां भोजन बनाने आती.

डॉ मेधा के मुताबिक इस साल 6 सितंबर को उनके गुरुजी ने बताया कि निर्मला ब्राम्हण नहीं है. इस पर वह निर्मला के घर गई तो उसने अपना नाम निर्मला यादव बताया और ये पता चला कि वह सुहागिन भी नहीं है. डॉ मेधा का कहना है कि उन्होंने जब उससे पूछा कि झूठ क्यों बोला तो निर्मला ने जवाब दिया कि इससे क्या फर्क पड़ता है. ये बताने पर कि हमारे घर पर ब्राम्हण और सुहागिन महिला का बनाया खाना ही पूजा में चलता है. इस पर निर्मला ने गुस्से में गाली दी और मारने झपटी.

डॉ मेधा की शिकायत है कि निर्मला ने खुद को ब्राह्मण बताकर उनके साथ धोखा किया है. भावना से खिलवाड़ किया है और काम के बदले में 15 से 20 हजार रुपये लेकर आर्थिक नुकसान भी किया है.

पुणे ब्राह्मण महासंघ ने इसे मालकिन और नौकरानी के बीच का विवाद बताया है. महासंघ के अध्यक्ष अनंत दवे के मुताबिक जिस तरह झूठी जात बताकर चुनाव लड़ने या सरकारी नौकरी लेने पर कार्रवाई होती है वैसा ही ये भी है. इस मामले को जाति द्वेष से ना देख कर किसी की व्यक्तिगत भावना आहत होने के नजरिये से देखना चाहिए. महासंघ ने दोनों से ही आग्रह किया है कि पुलिस शिकायत वापस लेकर आपसी सहमति से मामला सुलझाएं. इस बीच राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस ने डॉ मेधा खोले के घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया है.

जो लोग रोज आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं उन्हें ज़रूर सोचना चाहिेए कि जबतक इस स्तर पर जातिवाद है तबतक आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचा भी कैसे जा सकता है.