मुंबई में नकली नोटों की प्रेस पकड़ी, रेडलाइट एरिया से खुली कारोबार की कड़ियां

नई दिल्ली: जबसे 2000 का नया नोट आया है तबसे नकली नोट छापने का कारोबार भी लगातार पनप रहा है. देश भर में नकली नोटों की छपाई के केस सामने आ रहे हैं. इस हाई सिक्योरिटी कहे जाने वाले नोट को छापने की सबसे ताज़ा वारदात मुंबई से सामने आई है. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बांद्रा इलाके से दो हजार के फर्जी नोट छापने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 70 लाख से अधिक फर्जी नोट के साथ ही नोट छापने वाली मशीन को बरामद किया है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये लोग नकली नोट लेकर रैटलाइट एरिया में जाते थे और वहां ऐयाशियों पर खर्च करते थे. बताया जाता है कि ऐसा ही एक नोट दक्षिण मुंबई के इस रेडलाइट एरिया की औरत ने पुलिस को रिश्वत में दिया. इसके बाद एक से दूसरी कड़ी जुड़ती गई.

मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट नौ के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश देसाई को करीब दस दिन पहले इसकी सूचना मिली . देसाई ने पहले फर्जी नोटों के कारोबार से जुड़े उस व्यक्ति का पीछा शुरू किया. करीब हफ्ते भर पहले क्राइम ब्रांच के एक कांस्टेबल ने वसई के एक होटल में जतिन सोलंकी नामक व्यक्ति जब बिल दे रहा था तो उससे नोट एक्सचेंज किया.

कांस्टेबल सादे कपड़ों में था इसलिए जतिन कुछ समझ नहीं पाया. उस दो हजार के नोट को पहले बैंक में दिखा कर कन्फर्म किया गया. जब बैंक वालों ने उसे फर्जी करार दिया तो मुंबई क्राइम ब्रांच के प्रमुख संजय सक्सेना के निर्देश पर पुलिस की टीम ने शुक्रवार की रात बांद्रा इलाके से कंप्यूटर इंजीनियर सचिन बंशी, जतिन सोलंकी और विजय कांबले को हिरासत में ले लिया.

दो हजार के 70 लाख 8 हजार के फर्जी नोट बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो हजार के 70 लाख 8 हजार के फर्जी नोट बरामद किए है. उसके बाद नालासोपारा स्थित उनके अड्डे पर छापा मार कर कलर जेरोक्स, स्कैनर और मशीन सहित नोट छापने का अन्य सामन बरामद किया. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अब तक करीब दो हजार के सवा करोड़ कीमत के फर्जी नोट छाप चुके हैं. कुछ नोट जिनका कलर अच्छा नहीं था उसे जला दिए थे.

फर्जी नोटों के जरिए आरोपी लगातार दक्षिण मुंबई के रेडलाइट इलाके में अय्यासी करने जाते थे, जिसके बाद मुंबई पुलिस को उन पर संदेह हुआ था. फ़िलहाल गहन पूछताछ के लिए तीनों आरोपियों को 11 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में रखा गया है.