“मैंने कहा- मेरे कपड़े मत उतरवाओ, अंडरवियर फटा है, पुलिस बोली- नंगे हो जाओ”

नई दिल्ली: शिवराज सिंह की पुलिस दुनिया के सबसे ज्यादा अपशब्द बोलने के लायक है लेकिन भाषा की मर्यादा हमें ये नही करने दे सकती. भोपाल से आदेश आने के बाद टीकमगढ़ पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ जो किया उसकी पूरी कहानी इंडियन एक्सप्रेस ने छापी है. यहां है उसका अनुवाद…

“मैं यहाँ रैली में ये सोच कर आया था कि बिजली और खेती के लिए पानी जैसी हमारी समस्याएँ हल होंगी.

मेरी फसल बर्बाद हो गयी थी तो मुझे लगा कुछ राहत मिल जाएगी. लेकिन यहां हुआ उलटा. पुलिसवालों ने मुझे मारा-पीटा.फिर पुलिसथाने में उन्होंने मेरे कपड़े उतरवाये.

मैं कहता रहा मेरे कपड़े मत उतरवाओ मेरी अंडरवियर फटी है.फिर वो बोले नंगे हो जाओ.” ये बताते हुए 45 वर्षीय बलवान सिंह घोष के के चेहरे पर संकोच साफ झलक रहा था.

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर वर्मा मांज गांव के रहने वाले बलवान उन किसानों में थे जिन्हें टीकमगढ़ ग्रामीम स्टेशन पर मंगलवार (तीन अक्टूबर) को पुलिस ने हिरासत में लिया था.

पुलिस ने करीब 50 किसानों को हिरासत में लिया था. ये प्रदर्शन कांग्रेस ने बुलावे पर हुआ था लेकिन पुलिस थाने में किसानों के संग हुए बरताव के बाद राज्य की बीजेपी सरकार की काफी किरकिरी हो रही है.

राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किसानों के कपड़े उतरवाने के आरोप की जांच के आदेश दे दिये हैं.

करीब चार महीने पहले मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों की विरोध रैली में पुलिस के गोली चलाने से पांच किसानों की मौत हो गयी थी.

टीकमगढ़ पुलिस ने हिरासत में लिये गये किसानों के संग मारपीट के आरोपों को खारिज किया है. पुलिस के अनुसार कपड़े उतरवाने की भी जांच शुरू हो गयी है.

किसानों का आरोप है कि पुलिस ने कपड़े उतरवाने के लिए उनके संग मारपीट भी की. एक किसान ने बताया कि पुलिस ने करीब आधे घंटे तक उनके संग दुर्व्यहार किया.

एक पुलिसवाले ने उन्हें “आतंकवादी” भी कहा. बलवान सिं कहते हैं, “मैं कभी पहले पुलिस थाने नहीं गया था लेकिन इस वाकये को मैं पूरी जिंदगी नहीं भूल पाऊंगा.

उन्होंने मुझे मारापीटा. मैं रैली में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि मेरी छह एकड़ जमीन पर केवल छह क्विंटल उड़द और सोयाबीन हुआ है…जबकि पिछले साल करीब 17 क्विंटल उपज हुई थी.”

किसानों का आरोप है कि पुलिस ने उनके हाथ में बंधा “पवित्र रक्षा” भी तुड़वा दिया.

उनसे उनके लॉकेट भी उतरवाए गये.28 वर्षीय सुनील सिंह घोष कहते हैं, “पुलिसवालों से घिरे होने पर कौन कपड़े नहीं उतारेगा.वो पूछ रहे थे कि हम रैली में क्यों शामिल हुए? हमें पुलिस ने तब छोड़ा जब थाने के बाहर मौजूद लोगों ने यादवेंद्र सिंह (कांग्रेस के पूर्व मंत्री और टीकमगढ़ के पूर्व विधायक) को बुलाया.” कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए पिटाई के शिकार हुए किसानों की तस्वीरों के पोस्टर बनवाकर लगवाए हैं.