केजरीवाल सरकार का नया कानून, ओला उबर पर लगेगी लगाम


Deprecated: Creation of dynamic property Maghoot_Theme::$loop_meta_displayed is deprecated in /var/www/vhosts/knockingnews.com/httpdocs/wp-content/themes/magazine-hoot/template-parts/loop-meta.php on line 108

नई दिल्ली : ओला और उबर के पास न तो टैक्सी का परमिट होता है. न उनके पास गाड़ियां होती हैं. उल्टे ये कंपनियां परमिट होल्डर और गाड़ियों के मालिकों पर हुकुम चलाती हैं और उनके परमिट से मोटी कमाई करती हैं. अब तक कैब चालकों से कॉन्टेक्ट साइन कराकर उनका शोषण करने वाली इन कंपनियों ने अब बसों की सवारियां काटने का भी काम शुरू कर दिया था. टैक्सी के परमिट पर ये शेयर राइडिंग करने लगी थीं. अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस बेलगाम रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है.

सरकार ने द सिटी टैक्सी स्कीम 2017 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इस ड्राफ्ट में इसमें कहा गया है कि एप बेस्ड टैक्सी सर्विसेज में राइड शेयरिंग को इजाजत नहीं दी जा रही.

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ये वर्तमान कानूनी दायरे में नहीं आता है. वर्तमान टैक्सी कानूनी में सिर्फ इतना है कि कैब सिर्फ एक स्थान से यात्रियों को लेकर सुनिश्चित गंतव्य तक ही पहुंचा सकते हैं. वे कई जगहों से अलग अलग सवारी उठाकर दूसरी जगहों पर उन्हें नहीं पहुंचा सकती.

भले ही टैक्सी स्कीम 2017 का ड्राफ्ट अभी फाइनल होने की प्रक्रिया में है लेकिन दिल्ली सरकार की ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट सुनिश्चित है कि राइड शेयरिंग के विकल्प की इजाजत नहीं दी जा सकती.

वर्तमान में जो एप बेस्ड टैक्सी सड़कों पर दौड़ रही हैं वे कॉन्ट्रैक्ट आधारित परमिट से चलती है, जिसके तहत वे सवारी को एक जगह से लेकर सिर्फ दूसरे जगह तक ले जा सकते हैं. इसका मतलब कैब अलग अलग यात्रियों को अलग अलग जगहों पर पिक या ड्रॉप नहीं कर सकतीं. इस तरह की इजाजत सिर्फ पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस आॅटो आदि को ही दिया जाता है.