टीवी पर आकर पीएम फिर बोलेंगे- मित्रों! , टेंशन में इंडिया

नयी दिल्ली : आज या कल शाम प्रधानमंत्री मोदी फिर टीवी पर आने वाले हैं. उनका पिछला राष्ट्र के नाम संबोधन देश के लोगों पर काफी भारी पड़ चुका है.
उन्होंने पिछले संबोधन में नोटबंदी का झटका दिया था और पूरा देश कामधंधा छोड़कर 50 दिन से लाइन में ही लगा है.
इस संबोधन के बावजूद काफी कुछ बदल गया. लोगों को हज़ारों तरह की किल्लतें हुईं उनकी शादियां तक रुक गईं, लोग भूख और प्यास तक से परेशान हुए. इसके बाद सरकार ने अपनी इमेज बचाने के लिए बड़े-बड़े छापे मारे, कई लोग अलग अलग आरोपों में जेल भेजे गए.
हालांकि ज्यादातर लोगों पर मामूली सजाएं होने के ही आसार है. गुजरात के व्यापारी महेश शाह का नाम भी इस बीच में सामने आया. उन्होंने न होते हुए भी, 12000 करोड़ से ज्यादा काला धन सफेद करने का आवेदन दिया.
उनके साथ कई बड़े नेताओं के नाम भी जुड़े अब खबर है कि महेश शाह पर मामूली धाराओं में मुकदमा चलने वाला है. बीएसपी चीफ मायावती पर भी छापे मारे गए लेकिन वो आरोप भी कहीं ठहरते नहीं दिख रहे.
ये सारी बाते आपको इसलिए बता रहे हैं कि पीएम मोदी का आज शाम पीएम मोदी जब साढ़े सात बजे देश को संबोधित करेंगे तो उनका पूरा भाषण इसी लाइन पर होगा. पीएम के भाषण में पूरा ध्यान दो चीज़ों पर रहेगा.
1. लोगों को ये बताना कि नोटबंदी से उनके जीवन पर किस तरह से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
2. कैसे नोटबंदी के ज़रिए लोगों को परेशानी तो हुई लेकिन सरकार ने करप्शन पर सख्त कदम उठाए
इसके अलावा सरकार की नीयत को सही दिखाने के लिए इस बात की प्रबल संभावना है कि पीएम कुछ और नये और सख्त कदमों का एलान करें.
पीएम मोदी भी कहते रहे हैं कि अब उनके निशाने पर बड़ी मछलियां होंगी. हो सकता है वो बेनामी संपत्ति पर भी सख्त दिखने वाले किसी एक्शन का एलान करें. लेकिन इन हालात में मोदी जो भी कदम उठाएंगे वो टेंशन देने वाला ही होगा.
जाहिर बात है सभी बड़ी मछलियों के हाथ में देश की बागडोर है. कोई भी बड़ी मछली अकेली नहीं है वो सीधे तौर पर छोटी मछलियों पर सीधे असर डालती है.
अगर किसी एक उद्योगपति पर हाथ डालेंगे तो सीधा असर उसके कारोबार से जुड़े छोटे लोगों पर होगा इसलिए लोग ज्यादा टेंशन में होंगे.
मोदी के संबोधन की अभी कोई घोषणा नहीं हुई है लेकिन ये कयास नोटबंदी के बाद पीएम के 50 दिन पूरे होने के मौके पर लगाए जा रहे हैं. मोदी ने लोगों से 50 दिन मांगे थे और कहा था कि उसके बाद बड़ी मछलियों पर शिकंजा कसा जाएगा. ये भी हो सकता है कि मोदी कोई दूसरा सरप्राइज़ दें.
अपनी जनसभाओं में पीएम मोदी कहते रहे हैं कि 50 दिन की अवधि पूरी हो जाने के बाद यह परेशानी धीरे-धीरे दूर होने लगेगी. मंगलवार को पीएम मोदी ने मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की थी.
गौर हो कि पिछली बार 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने काले धन पर हमला करने के उद्देश्य से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने की घोषणा की थी. जनता को अपने पुराने नोट बैंकों में जमा कराने के लिए सरकार ने 31 दिसंबर तक का वक्त दिया था, जो कि अब खत्म होने जा रहा है.