एनडीटीवी के मामले में मोदी ने कर दी चूक, चुकाए जा चुके लोन को ही बना लिया मुद्दा

नयी दिल्ली: एनडीटीवी पर सीबीआई की छापे का जिस तेज़ी से प्रचार किया गया उसके मुकाबले हकीकत बेहद दुख पहुंचाने वाली है दुख पहुंचाने वाली ही नही डराने वाली है. जानकारों का कहना है कि कम से कम मोदी से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वो इतना परिवक्व कदम उठाएंगे. ये तो तानाशाही का रिकॉर्ड तोड़ना हुआ. दर असल इस मामले में सीबीआई ने उस लोन को आधार बनाया जो पहले ही चुकाया जा चुका है.

फिलहाल एनडीटीवी ने जो बयान दिया है वो आंखें खोलने वाला है. एनडीटीवी ने अपने स्वामियों के परिसरों में सीबीआई के छापों को राजनीतिक हमला करार देते हुए आज कहा कि यह मीडिया का मुंह बंद कराने का सरकार का प्रयास है.

सीबीआई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चैनल ने एक बयान में कहा कि सत्तारूढ पार्टी के नेता एनडीटीवी टीम की आजादी और निडरता को नहीं पचा पा रहे हैं और सीबीआई का छापा मीडिया का मुंह बंद करने की एक और कोशिश है.

चैनल ने इस बात पर हैरानी जतायी कि सीबीआई ने बिना किसी शुरुआती जांच के एनडीटीवी के दफ्तरों और उसके प्रमोटरों के घरों की तलाशी ली.

चैनल ने कहा, यह प्रेस की आजादी पर खुला राजनीतिक हमला है क्योंकि सूत्रों ने पुष्टि की है कि दबाव में, सीबीआई को एनडीटीवी के एक पूर्व असंतुष्ट कंसल्टेंट की गलत शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया है.

बयान में पूर्व कर्मचारी की पहचान संजय दत्त के रूप में की गयी है. इसमें कहा गया है कि यह व्यक्ति चैनल से असंतुष्ट उसी का एक पूर्व कंसल्टेंट संजय दत्त है जो झा  ठे आरोप लगाता रहा है और उनके आधार पर अदालतों में मुकदमे दायर करता रहा है लेकिन अभी तक इनमें से किसी भी अदालत से कोई भी आदेश लाने में नाकाम रहा है.

चैनल ने बयान में कहा कि कानून के जानकार हैरान हैं कि जहां अदालतें इतने सालों तक उसकी शिकायतों पर आदेश देने से इनकार करती रहीं वहीं सीबीआई ने एक निजी शिकायत पर छापे मारे.

बयान में कहा गया है कि यह आरोप उस एक रिण से जुडा लगता है जिसे प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने सात साल पहले ही चुका दिया था.

इसमें कहा गया है कि दूसरी ओर कई उद्योगपितयों ने लाखों, करोड़ों रुपये का बकाया नहीं चुकाया है और उनमें से किसी के भी खिलाफ सीबीआई ने कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया. लेकिन एनडीटीवी के मामले में सीबीआई ने न सिर्फ एक प्राथमिकी दर्ज की है, बल्कि ऐसे रिण के लिए तलाशी ली है जिसे आईसीआईसीआई बैंक को विधिवत पूरी तरह चुकाया जा चुका है.