क्या मोदी सरकार ने देश को सिर्फ मूर्ख बनाया और मूर्ख ही बना रही है? इतिहास की सबसे बड़ी ठगी है ये ?

नई दिल्ली :  अगर आपका पड़ोसी दुकानदार बासमती कहकर कोई और चावल दे दे तो आप हत्थे से उखड़ जाते हैं. झूठ बोलकर कोई आपको सामान बेच दे तो उसे आप ठगिया कहते हैं. कई बार आम लोग झूठ बोलने के लिए पी तक दिए जाते लेकिन जिसने आपको झूठबोलकर राजपाट ले लिया हो, जिसके एक के बाद एक पचासों झूठ  साबित हो रहे हों उसका क्या? ऐसे आदमी को निकालकर बाहर कर देना चाहिए. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के भाषण का यही निचोड़ था.

गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर जनता से झूठे वादे करने, जुमला गढ़ने, सपने दिखाने का आरोप लगाया.

गुलाम नबी आजाद ने कहा – आजाद ने कहा कि आपकी सरकार गेम चेंजर नहीं नेम चेंजर है. आप तो यूपीए और कांग्रेस की सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं के नाम बदल दे रहे हो. इंदिरा आवास योजना, राजीव आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दे रहे हो.

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदलकर पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम विद्युतीकरण योजना कर दिया वो भी ठीक से नहीं चला पाए. नेशनल स्किल डेवलपमेंट स्कीम को बदलकर स्किल इंडिया कर दे रहे हो. फोर्टिफाइड यूरिया पॉलिसी का नाम बदलकर नीम कोटेड यूरिया बना रहे हो.

आखिर मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है कहां? उन्होंने कहा कि इसको लेकर हमने पहली बार बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि पांच साल तक आप और आपका मंत्रिमंडल योजनाओं का नाम बदलकर उद्घाटन करता रहेगा, तब भी पूरा नहीं हो पाएगा. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज यही हो रहा है. नई सरकार कांग्रेस और यूपीए सरकार के समय में शुरू की गई योजना का फीता काट रही है. लेकिन सभी योजनाओं पर काम हो ही नहीं रहा. पहले से बुरा हाल हो गया है. नाम बदलकर भी कुछ नहीं बदला.

नेता प्रतिपक्ष ने मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे अधिकतम 43 हजार रुपये ही युवाओं को रोजगार के लोन के रूप में मिल सकता है. यह राशि इतनी नहीं है कि कोई अपना रोजगार, व्यापार शुरू कर सके. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास एक स्कीम थी जिससे उसने 80 करोड़ बना लिए थे (जय शाह के घोटाले का जिक्र). भाजपा ने यह स्कीम तो हमसे कभी साझा ही नहीं की और हमें ऐसी स्कीम आती नहीं. यदि भाजपा इसका साझा करती तो देश का उत्थान हो जाता है.

आजाद ने केन्द्र सरकार को नसीहत दी कि वह राजनीति में थोड़ी ईमानदारी बरते. उन्होंने बताया कि सरकार जनधन खाते के नाम पर जिस 31 करोड़ बैंक अकाउंट को खुलवाने का दावा कर रही है, उसमें से 24 करोड़ (80 प्रतिशत) तो यूपीए सरकार ने खुलवाए थे. लेकिन अब मोदी सरकार सब पर अपना दावा ठोक रही है. इसी के साथ आजाद ने तंज कसा कि जब भाजपा सत्ता से बाहर होगी तो विश्व स्तर पर यदि री पैकेजिंग का ग्लोबल टेंडर जारी होगा तो यह भाजपा के ही खाते में आएगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस को पैकेजिंग करनी भी नहीं आती और भाजपा री पैकेजिंग में एक्सपर्ट है.

गुलाम नवी ने कहा यूपीए सरकार के समय में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस का दाम बढ़ने पर भाजपा के नेता रसोई गैस सिलेंडर लेकर सड़क पर उतर आते थे. भारत बंद आयोजित हो जाता था. जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 111-120 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ी. इसके बावजूद यूपीए सरकार के समय में अधिकतम 350 रुपये प्रति गैस सिलेंडर रहा. पेट्रोल और डीजल के दाम काफी कम रहे. वहीं भाजपा सरकार 30 डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल का दाम गिरने के बाद भी इसे कम नहीं कर रही है. 800 रुपये प्रति सिलेंडर रसोई गैस बेची जा रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि यूपीए सरकार के समय में पेट्रोल पदार्थ के अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम इतने कम होते तो केन्द्र सरकार देश में क्रांति ला देती. इंकलाब आ जाता.

जातिवाद के अमित शाह के वक्तव्य पर भी आजाद ने तंज कसा. उन्होंने इसके लिए भाजपा की बंटवारे की राजनीति को भी हाशिए पर लिया. आजाद ने कहा कि आज पूरे देश में एक ही पार्टी के लोगों को काम, रोजगार, नौकरी, हक सब मिल रहा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए ऐसी भयानक पहल इससे पहले कभी नहीं हुई थी.

आजाद ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर भी जहर बुझा तीर छोड़ा. यह अमित शाह का पकौड़ा बनाने वाले उनके वक्तव्य के अंश का सीधा जवाब था.

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर लोगों को, समाज को बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले वोटों के ध्रुवीकरण के लिए हिन्दू मुस्लिम को बांटा, फिर शिया और सुन्नी का बंटवारा कराया. अब तीन तलाक के जरिए सुन्नी समाज में मियां और बीबी का बंटवारा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और विपक्ष तीन तलाक (एक साथ तीन तलाक) के मुद्दे पर सरकार के बिल का समर्थन करती है, लेकिन इसमें तीन तलाक देने वाले के  साथ अपराधी सा व्यवहार, उसे जेल में डालने की नीति के पक्ष में नहीं है. खुदा के लिए मुस्लिम समाज की महिलाओं को हक दिलाने के नाम पर सरकार इस दूसरे प्रावधान के जरिए सुन्नी समाज का मियां बीबी में बंटवारा न कराए.

देश में डर का वातावरण

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि आज देश में भय का माहौल है. सरकार प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई आदि एजेंसी के जरिए नेताओं को डरा रही है. डर दिखाकर विपक्षी दलों को अलग कर रही है. आजाद ने कहा कि अभी तक आतंकवादियों पर लगाम कसने के लिए फोन टैपिंग सुना था, लेकिन सरकार ने नेताओं को ही आतंकवादी बना दिया है. आजाद ने आरोप लगाया कि ऐसा करके भाजपा ने गुजरात में भी लोगों से वोट लिया. यह क्या है? उन्होंने कहा कि यह देश के लिए ठीक नहीं है. यदि कांग्रेस भी ऐसा करती तो हमेशा सत्ता में बनी रहती.

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार और भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह ऐसा वादा क्यों करती है, जिसे पूरा न कर सके. उन्होंने प्रधानमंत्री को उनके काला धन पर लगाम कसने और गरीबों के खाते में 15 लाख रुपये भेजने की याद दिलाई, किसानों की आय दो गुनी करने, 10 करोड़ युवाओं को पांच साल में और हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने के अवसर की याद दिलाई और सवाल किया कि हुआ क्या? महिलाओं की सुरक्षा पर वक्तव्य को ध्यान दिलाया और कहा आज देश में एक साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ भी बलात्कार हो रहा है.

आजाद ने कहा कि पहले हम हर साल एक साल के लिए बजट की बात सुनते थे. अब सरकार का कार्यकाल 2019 में समाप्त हो रहा है और योजनाएं 2022 में पूरी होने का लक्ष्य रखा जा रहा है. चार साल का लक्ष्य. किसानों की आय दोगुनी करने के क्रम में इस बार के बजट में 1.25 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान होना चाहिए था. जबकि सरकार 4.5 हजार करोड़ रुपये का ही आवंटन कर रही है. इसी तरह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच भी है. जबकि इससे बीमा कंपनियों को ही लाभ होना है.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 70 साल में यह अब तक की सबसे कमजोर सरकार है. उन्होंने कश्मीर के हालात का जिक्र करते हुए इसे कहा. आजाद ने कहा कि राजौरी से लेकर पुंछ तक और जम्मू से लेकर सांबा, कठुआ तक राज्य के हालात काफी खराब है. लोग खौफ में जी रहे हैं. पलायन कर रहे हैं. पिछले साढ़े तीन साल में सबसे अधिक आम नागरिक मारे गए, सेना और सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए और सबसे अधिक पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. जबकि सीमा पर कोई लड़ाई नहीं हो रही है. सरकार कभी सख्त हो जाती है. कभी वार्ताकार भेजती है और कभी … नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं चलता प्रधानमंत्री साहब. बातचीत और सख्ती साथ-साथ नहीं होती.

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को लेकर दुनिया में नजरिया बदलने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार आतंकवादी सरगना मसूद अजहर पर कोई कार्रवाई नहीं करा पाई, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को मान्यता नहीं मिल पाई, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं बन सका है. चीन के साथ दोकलम सीमा विवाद हो या पाकिस्तान के साथ संबंध. स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है.

गांधी का पुराना भारत चाहिए

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री जी हमें आपना न्यू इंडिया नहीं चाहिए. आप हमें गांधी जी वाला ओल्ड भारत लौटा दो. वह भारत लौटा दो जिसमें डर, खौफ और दहशत का वातावरण न हो. अभिव्यक्ति की आजादी, व्यवसाय, व्यापार करने की आजादी हो. वह भारत लौटा दो जिसमें छह-सात महीने की बच्ची के साथ बलात्कार न होता हो. हमें वह भारत लौटा दे जहां हिन्दू-मुसलमान मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करते हों.

गुलाम नबी आजाद ने बिना नाम लिए कहा कि अमित शाह अपने संबोधन में जिस वंशवाद और एक परिवार के 55 साल तक शासन की बात कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि 25-30 साल में इस परिवार का कोई व्यक्ति न तो देश का प्रधानमंत्री बना है और न ही मंत्री. ऐसे में उन्होंने किस वंशवाद से निजात दिलाई? आजाद ने नेहरु-गांधी परिवार से भाजपा के डर का तंज कसते हुए कहा कि आपके (भाजपा) भीतर जो डर बैठा हुआ है और उससे भाजपा नेताओं को नींद नहीं आ रही है, तो उसका कांग्रेस पार्टी क्या करें?