25 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद बेघर हुए माणिक सरकार, अब यहां मिलेगा आसरा

नई दिल्ली: 25 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी माणिक सरकार बेघर हैं. अब उनके पास मकान का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हैं इसलिए नयी जगह पर रहेंगे. सीएम आवास खाली करने के बाद माणिक सरकार अपनी पत्नी पांचाली भट्टाचार्जी (रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी) के साथ सीपीएम दफ्तर के ऊपर स्थित दो कमरों की दुछत्ती में रहेंगे. इससे पहले उन्होंने उन्होंने विधायके आवास में रहने से भी इनकार कर दिया था.

त्रिपुरा सीपीएम के महासचिव ने बताया कि ‘पार्टी दफ्तर में बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं हैं. इसमें कुछ भी अपवाद नहीं है. सीपीएम के अधिकतर बड़े नेता भी सामान्य जिंदगी जीते हैं.’ माणिक सरकार भी उनमें से एक हैं.

माणिक सरकार ने अपनी पैतृक संपत्ति भी बहन को दे दी है. वह भी पूर्व में पार्टी दफ्तर में ही रहा करती थीं. सरकार की पत्नी जमीन जायदाद की मालिक हैं लेकिन जमीन एक बिल्डर को सौंपे जाने से मामला विवादों में घिर गया. वहां निर्माणधीन इमारत का काम अभी पूरा नहीं हुआ है.

त्रिपुरा के नामित मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में माणिक सरकार अच्छा सरकारी आवास और अन्य प्रोटोकॉल सुविधाओं के हकदार है. उन्होंने कहा कि सूबे में विपक्ष के नेता को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा और वह भत्तों के हकदार होंगे.’ लेकिन जब पद पर रहकर माणिक सरकार ने ये सुविधाएं नहीं लीं तो रिटायर होकर वो ऐसी सुविधाएं लेना क्यों चाहेंगे.

बिप्लब देव ने कहा कि हम त्रिपुरा में सरकार चलाने के लिए चुने गए हो सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि एक नए त्रिपुरा के निर्माण के लिए उन्होंने (माणिक सरकार) बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. भाजपा कभी भी सरकार के साथ पार्टी को समानता नहीं देती है.

बता दें कि चुनाव परिणाम के बाद जहां पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर विधायक हॉस्टल में रह रहे हैं वहीं तीन पूर्व मंत्री वापस अपने गांव लौट गए.