इस ‘मर्द’ ने कहा कि उसका डंडा राज ठाकरे का इंतज़ार कर रहा है. हिम्मत है तो सामने आए

राज ठाकरे हों या उद्धव ठाकरे इनकी गुंडागर्दी से बड़े-बड़े कांपते हैं. करण जौहर को तो राजठाकरे ने पानी पिला दिया है. वो परेशान होकर एक दरवाजे से दूसरे पर भाग रहे हैं. लेकिन करण जौहर की तरफ से एक शख्स है जिसने राजठाकरे के सामने आगर ताल ठोकी है. इस शख्स ने एक के बाद एक ट्वीट करके राज ठाकरे को चुनौती दी है और कहा है कि मैंने राज ठाकरे के लिए तेल पिलाकर डंडा तैयार रखा है. हिम्मद है तो आ जाए. ये शख्स हैं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू. काट्जू ने बुधवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर तीखा प्रहार करते हुए कई ट्वीट किए। काट्जू ने ट्वीट किया, ‘एमएनएस असहाय लोगों पर हमले क्यों कर रही है? अगर आप में साहस है तो मेरे पास आइए। मेरा डंडा तुम्हारा इंतजार कर रहा है और तुम्हारी खबर लेने के लिए अधीर है।

काटजू ने इस मामले में बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, ‘एमएनएस के कार्यकर्ता गुंडे हैं जिन्होंने अरब सागर का खारा पानी ही चखा है। मैं इलाहाबादी गुंडा हूं जिसने संगम का पानी पिया है.’ एमएनएस नेता और कार्यकर्ता मशहूर निर्देशक करण जौहर की फिल्म ‘ये दिल क्या करे’ की रिलीज का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इसमें पाकिस्तान के अभिनेता फवाद आलम ने काम किया है।

गौरतलब है कि ‘ऐ दिल है मुश्किल’ 28 अक्टूबर को रिलीज हो रही है। लेकिन मल्टीप्लेक्स मालिकों को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS)ने धमकी दी है कि ‘ऐ दिल है मुश्किल’ दिखाई तो शीशे तोड़ दिए जाएंगे। MNS कार्यकर्ता ऐमी खोपकर ने राज ठाकरे से मुलाकात के बाद कहा कि अगर मल्टीप्लेक्सों ने फिल्म रिलीज की तो वो इसके जिम्मेदार खुद होंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह डाला कि मल्टीप्लेक्सों के शीशे बहुत महंगे होते हैं।

पिछले सप्ताह ही सिनेमा ऑनर्स एग्जिबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओईएआई) ने फैसला किया था कि देश के माहौल को देखते हुए फिल्म को महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के सिंगल स्क्रीन थिएटरों में रिलीज नहीं किया जाएगा. बता दे कि काट्जू प्रेस परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं और विभिन्न मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए विख्यात हैं।

ज्ञात हो कि करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ अगले सप्ताह रिलीज़ हो रही है। फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के होने की वजह से कई संगठन इसके रिलीज़ का विरोध कर रहे हैं।