लखनऊ मेट्रो पहले दिन ही खराब, पटरियों पर उतरे मुसाफिर

नई दिल्ली :  अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ मेट्रो बनकर तैयार हुआ तो योगी सरकार क्रेडिट लेने के लिए कूद पड़ी लेकिन अब खतरनाक हकीकत सामने आ गई है. यो यूपी सरकार के हिस्से का काम था उसकी पोल पहले दिन ही खुल गई. आम जनता के लिए बुधवार से चली लखनऊ मेट्रो पहले दिन ही तकनीकि खराबी का शिकार हो गई. दुर्गापुरी और मवईया के बीच मेट्रो में खराबी आ गई, जहां से पैसेंजर्स को निकाला जा रहा है. बाकी चारों मेट्रो ऑपरेशनल हैं. तकनीकी खराबी के कारण मेट्रो 20 मिनट के लिए आलमबाग में फंस गई. बुधवार को मेट्रो आम जनता के लिए सुबह 6 बजे ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग के लिए चली.

एक दिन पहले मंगलवार को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल राम नाइक की उपस्थिति में मेट्रो की शुरुआत की गई. उद्घाटन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि समय पर योजना का पूरा होना काफी बड़ी बात है. मेट्रो की शुरुआत सीमित समय पर पूरा करने पर श्रीधरनजी और उनकी पूरी टीम को बधाई. उन्होंने कहा कि लोगों को इसमें सफर करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बुधवार से ही लोगों को इसका लाभ मिलेगा.

योगी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के कई शहरों में मेट्रो चलवाने की योजना पर काम कर रही है. अब अलग-अलग मेट्रो कॉर्पोरेशन के तहत काम ना होकर बल्कि राज्य में एक ही यूपी मेट्रो कॉर्पोरेशन की शुरुआत करेंगे. मैं चाहूंगा कि श्रीधरनजी उस कॉर्पोरेशन के प्रधान सलाहकार बनें.

लखनऊ मेट्रो कई वजहों से चर्चा में है, एक वजह सियासी है तो दूसरी देश के सबसे शानदार मेट्रो रेल होना भी एक वजह है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मेट्रो रेल को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में रखते थे. यही वजह है कि मेट्रो के शिलान्यास से लेकर मेट्रो के बनने तक के हर सफर में वह साथ रहे, लेकिन चुनाव हार गए तो इसका उद्घाटन नहीं कर सके.