तानाशाह नहीं अमन का तलबगार है किम जोंग, बहन को शांति के लिए दक्षिण कोरिया भेजा


Deprecated: Creation of dynamic property Maghoot_Theme::$loop_meta_displayed is deprecated in /var/www/vhosts/knockingnews.com/httpdocs/wp-content/themes/magazine-hoot/template-parts/loop-meta.php on line 108

जिस किम जोंग को सनकी तानाशाह और अमन का दुश्मन कहकर अमेरिका और उसका पिट्ठू मीडिया बदनाम करता रहता है दरअसल वो एक अमन पसंद और शांति के लिए आगे बढ़कर कोशिश करने वाला शख्स है. यही वजह है कि उसने सिर्फ़ विंटर ओलंपिक में कट्टर दुश्मन समझे जाने वाले दक्षिण कोरिया में अपनी टीम भेजी बल्कि अपने दो सबसे भरोसेमंद लोगों को भी सियोल रवाना कर दिया. किम जोंग के साथ उनकी बहन किम यो-जोंग और राष्ट्राध्यक्ष किम योंग-नाम शुक्रवार को दक्षिण कोरिया पहुंच गए.

किम की बहन दक्षिण कोरिया जाने वाली अपने परिवार की पहली सदस्या हैं. वे किम योंग के साथ विंटर ओलंपिक के प्योंगचांग में होने वाले उद्घाटन समारोह में शरीक़ होंगी. किम यो-जोंग अपने भाई की बेहद क़रीबी मानी जाती हैं. लेकिन उनकी बहन की हैसियत किसी राजा की बहन की न होकर कम्मयुनिष्ट पार्टी की एक कार्यकर्ता की ही है. उसे अलग से कोई खास तवज्जो नहीं दी जाती. इसी तरह राष्ट्राध्यक्ष कोई और है जबकि जोंग खुद सत्ता हथिया सकते थे

सक्रिय राजनीति में उनकी भूमिका बढ़ाने के लिए जोंग की बहन को पिछले साल ही पोलितब्यूरो का सदस्य भी बनाया गया. किम जोंग-उन कोई भी फैसला अपनी मर्जी से नहीं ले सकते पार्टी के पोलित ब्यूरो के फैसलों पर उन्हें पालन करना होता है.

माना जाता है कि प्रोपेगैंडा विभाग में अहम भूमिका निभाने वाली उनकी बहन अपने भाई की छवि सुधारने पर काम कर रही हैं.हालांकि अमरीका ने उन पर मानवाधिकार हनन के आरोप के चलते पाबंदी लगा रखी है. किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग उत्तर कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष किम योंग-नाम के साथ दक्षिण कोरिया पहुंची हैं

दोनों देशों के रिश्तों में तब से बहुत उतार-चढ़ाव आते रहे हैं लेकिन दोनों ने आज तक किसी शांति समझौते पर दस्तख़त नहीं किए. किम यो-जोंग की उम्र 30 साल है. 26 सितंबर 1987 को जन्मीं यो-जोंग अपने भाई से चार साल छोटी हैं.
किम जोंग-उन के पिता किम जोंग-इल की पांच पत्नियां थी, उनके कुल सात बच्चे थे. किम यो और किम जोंग-उन दोनों, एक ही मां की संतान हैं और दोनों ने स्विटजरलैंड में साथ-साथ पढ़ाई की है.

उनके माता किम जोंग-इल की तीसरी पत्नी और कभी नृत्यांगना रहीं को योंग-हुई हैं. तीन भाई-बहनों में यो-जोंग सबसे छोटी हैं, उनसे बड़ा एक भाई और है जिनका नाम किम जोंग-चोल है.
किम यो-जोंग अक्सर किम जोंग-उन के साथ फ़ील्ड दौरों पर दिखती हैं. वे पार्टी के प्रचार अभियान में भी प्रमुखता से शामिल रहती हैं. बताया जाता है कि यो-जोंग ने अपनी ही पार्टी के सचिव चोए योंग-हे के बेटे से शादी की है.

यो-जोंग सार्वजनिक जीवन में पहली बार 2012 में अपने पिता के अंतिम संस्कार के मौक़े पर नज़र आईं.
इसके बाद वे साल 2014 में अपने भाई के सत्ता संभालने के मौक़े पर भी दिखाई दीं.

बीबीसी की दक्षिण कोरिया से जुड़े मामलों की संवाददाता लॉरा बिकर के मुताबिक़ किम यो-जोंग के आने से माना जा रहा है कि किम जोंग-उन दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने को लेकर गंभीर हैं.

हालांकि उद्घाटन समारोह से ठीक पहले गुरुवार को सैन्य परेड करके उत्तर कोरिया ने जता दिया है कि उसके बारे में कुछ भी कहना जल्दबाज़ी हो सकती है.
उत्तर कोरिया में हर साल होने वाली यह सैन्य परेड आम तौर पर अप्रैल महीने में होती थी लेकिन इस बार किम जोंग ने इसे फ़रवरी में करवा दिया.
इस बीच दक्षिण कोरिया ने भी कहा है कि उसके राष्ट्रपति शनिवार को उत्तर कोरिया के प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात करेंगे. (इनपुट बीबीसी के सौजन्य से भी)