जेटली बोले कब तक और कितने चक्कर लगाऊं, फिर लौट गए

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली से जिरह 12 फरवरी को खत्म करें. शुक्रवार को अरुण जेटली इस मामले में क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. जेटली ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में उनसे 250 से ज्यादा सवाल पूछे जा चुके हैं, लेकिन एक भी सवाल का संबंध इस केस से नहीं है. इस पर कोर्ट ने केजरीवाल को एक दिन का और समय दिया है. अब इस मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होगी.

शुक्रवार को जेटली कोर्ट में पेश हुए थे. जेटली ने कहा कि मानहानि के इस मामले में पिछले डेढ़ साल में मैं कई बार कोर्ट में पेश हुआ हूं. इस दौरान मुझसे 250 से ज्यादा सवाल पूछे गए हैं, लेकिन एक भी सवाल मेरे और मेरे परिवार पर लगाए आरोपों पर नहीं पूछा गया, ये लगातार केस को बेवजह लंबा खींचने की कोशिश है.

केजरीवाल के वकील ने अब तक की सुनवाई में करीब 260 सवाल जेटली से पूछ चुके हैं. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अरुण जेटली पर डीडीसीए के अध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. इसके बाद वित्त मंत्री जेटली ने आप नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ रुपए की मानहानि का केस दर्ज कराया.

संयुक्त रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को आठ अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया. मुख्यमंत्री ने जिरह के दौरान उनके सामने 250 से अधिक सवाल रखे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रतिवादी यानि केजरीवाल को याचिकाकर्ता (जेटली) से जिरह के लिये पर्याप्त अवसर दिया गया है.  प्रतिवादी को यह निर्देश देना जरूरी है कि वह अपना साक्ष्य दर्ज करने का काम 12 फरवरी तक पूरा करें. केजरीवाल को भविष्य में जिरह के लिये और तारीख नहीं दी जाएगी. केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि अरुण जेटली ने केजरीवाल के अलावा के आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था.