क्या 2019 से पहले किसी कट्टर हिंदू नेता की हत्या की साजिश हो रही है

नई दिल्ली :  क्या हिंदूवादी नेताओं की हत्या कराकर देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की तैयारी हो रही है. प्रवीण तोगड़िया के बाद अब एक और कट्टरपंथी हिंदू नेता प्रमोद मुतालिक ने आरोप लगाया है कि उनकी आरएसएस उनकी हत्या की साजिश कर रहा है.

तोगड़िया की हत्या के आरोपों के बाद कई लोगों का अनुमान है कि उनकी आशंका सही भी हो सकती है क्योंकि तोगड़िया की हत्या का फायदा दो समुदायों के बीच तनाव की राजनीति में हो सकता था. अब श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक के बयान के बाद इस विचार को मानने वालों की धारणा और भी मजबूत हुई है.

अगर किसी कट्टरपंथी हिंदू नेता की हत्या होती है तो देश में सांप्रदायिक उन्माद अपने चरम पर पहुंचेगा जिसका फायदा किसी एक खास राजनीतिक पार्टी को हो सकता है. अनुमान ये भी है मुतालिक ऐसे नेता हैं जिनकी हत्या दक्षिण भारत में हिंदू मुसलमान का ध्रुवीकरण कर सकती है जो 2019 में उत्तरभारत में बीजेपी को होने वाले नुकसान की दक्षिण के वोटों से भरपायी कर पाएगी.

मुतालिक आरएसएस और बजरंग दल के फायर ब्रांड नेता रह चुके हैं. मुतालिक ने सीधे संघ का नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि आरएसएस के कुछ लोग उनकी हत्या करा सकता हैं. बता दें कि श्रीराम मुतालिक साल 2009 में मंगलौर में पब जाने वालों पर हमले के बाद चर्चा में आए थे. मुतालिक को भारत के सबसे कट्टर हिंदूवादी संगठन के प्रमुख के रूप में जाना जाता है.

उन्होंने कहा, ‘मैने अपनी जिंदगी के 40 साल बर्बाद कर दिए लेकिन अब मेरा मोह भंग हो गया है. आरएसएस हिन्दू एकता की बात करता है लेकिन अपने ही लोगों को नहीं पसंद करता. इससे वो हिंदू एकता के लक्ष्य को कैसे प्राप्त करेंगे.’ हालांकि उन्होंने कहा कि हिंदू एकता में उनका विश्वास अब भी कायम है.

न्यूज़ 18 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट, बुद्धिजीवी वर्ग के लोग मेरे बाहर के दुश्मन हैं, जिन्हें मै जानता हूं. पर मुझे डर अपने लोगों से है जो कि मुझे नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये लोग पीठ में छुरा घोंपने में बहुत माहिर हैं.

आरएसएस पर सीधे आरोप लगाते हुए उन्होंने, ‘कर्नाटक में आरएसएस के कद्दावर नेता मंगेश भेंडे उन्हें पसंद नहीं करते. वे नहीं चाहते कि मैं उत्तरी कर्नाटक में रहूं. उन्हें भूतपूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर धारवाड़ से सांसद प्रहलाद जोशी का समर्थन प्राप्त है. ये लोग मेरी प्रसिद्धि और प्रगति से जलते हैं. मैने इन लोगों के साथ रह कर और बाद में भी बहुत उपलब्धि हासिल की जिसकी वजह से मुझे संगठन छोड़ने पर मजबूर किया गया.’