भारत की इन जगहों पर डॉग्स तो एलाउड हैं इंडियन नहीं

भारत में आज भी कई ऐसी जगहें हैं जहां अंग्रेज़ों के चले जाने के दशकों बाद भी इंडियन एंड डॉग्स आर नॉट एलाउड पर  अमल होता है . इन जगहों पर न तो भारतीय जा सकते हैं न ही उन्हें सर्विस मिल सकती है. ज्यादातर जगह विदेशियों के आदर सत्कार और उनके ऐशो आराम से जुड़ी हैं. हम आपको बताते हैं. ऐसी जगहों के बारे में जहां इंडियन्स हैं नॉट एलाउड

हिमाचल प्रदेश के कसोल में स्थित फ्री कसोल कैफे में ग्राहकों की काफी भीड़ लगी रहती है. साल 2015 में इस होटल पर आरोप लगाया गया था कि यहां सिर्फ इजरायली लोगों को ही एंट्री मिलती है. कैफे में एक भारतीय महिला को अंदर जाने पर भी रोक दिया गया था.

समुद्र किनारे बसा गोवा देश और विदेश के टूरिस्ट्स से भरा रहता है. कई देशों के लोग यहां घूमने व अपनी छुट्टी मनाने आते हैँ. बताया जाता है कि यहां कई ऐसे समुद्री बीच हैं जहां सिर्फ विदेशी पर्यटकों को ही एंट्री दी जाती है. देश के पर्यटकों पर इन बीचों पर जाने पर बैन लगा हुआ है.

चेन्नई में कई ऐसे होटल व लॉज स्थित हैं जहां सिर्फ उन लोगों को जाने दिया जाता है जिनके पास विदेशी पासपोर्ट होता है. एक अखबार के मुताबिक, इन होटलों व लॉज पर भारतीय नीतियां लागू नहीं होती हैँ.

पुदुच्चेरी के बीच गोवा के समुद्री बीच के अलावा एक और ऐसी जगह है जहां के बीच पर भारतीय लोगों का जाना प्रतिबंधित है. ये बीच केवल विदेशी पर्यटकों के लिए ही खुले रहते हैँ. भारत के लोग यहां नहीं जा सकते हैँ.

बेंगलुरु शहर की गिनती देश के मॉडर्न शहरों में होती है. लोग यहां की नाइट लाइफ भी पसंद करते हैं. महिलाओं की सुरक्षा के हिसाब से भी यह शहर अन्य कई शहरों से बेहतर माना जाता है. इतना शानदार शहर होने के बावजूद यहां एक ऐसी जगह है जहां पर भारतीय ही नहीं जा सकते. जी हां, ये जगह है यूनो-इन नामक होटल. होटल साल 2012 में बनाया गया था. इस होटल में केवल जापान के लोग ही जा सकते थे. भारतीयों के लिए इस होटल में नो एंट्री थी. होटल के शुरु होने के दो साल बाद ही नस्लीय भेदभाव के आरोपों के चलते इस होटल को बंद कर दिया गया था.