नक्सली आदिवासियों पर हमले के लिए इजरायल की मदद लेगा भारत ? हो रहा है करार

नई दिल्ली: अफसोस नक्सल समस्या का युक्तिपूर्ण हल ढूंढने के बजाय भारत सरकार अब अपने ही नागरिकों को मारने के लिए इजराइल से मदद लेने की तैयारी कर रही है. आजतक की खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय घने जंगलों में नक्सलियों के मूवमेंट का पता लगाने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का सहारा लेने जा रहा है. इसमें इजरायल भारत की मदद करेगा.

सूत्रों के हवाले से आजतक डॉट कॉम ने खबर दी है कि गृह मंत्रालय नक्सलियों का मूवमेंट जानने के लिए खास तरीके के रडार खरीदने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि इजरायल से ये रडार खरीदने की तैयारी है. इस रडार का नाम Foliage Penetrating Radar है, जो घने जंगलों में भी किसी हलचल की जानकारी आसानी से दे सकता है. यानी अगर ये रडार नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों को मिल जाए तो नक्सलियों के मूवमेंट को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है और उनके हमले से पहले ही मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है.

अभी होता है UAV का इस्तेमाल

फिलहाल नक्सिलयों की लोकेशन का पता लगाने के लिए सुरक्षा बल अलग-अलग यूएवी (UAV) का इस्तेमाल करते हैं. बताया जा रहा है कि ये यूएवी घने जंगलों में ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाते. जिसके चलते ऐसे इलाकों में छुपे नक्सलियों का पता नहीं लग पाता. यही वजह है कि बार-बार नक्सली सुरक्षा बलों पर बड़े हमले करने में कामयाब हो जाते हैं और उनके एक्शन की जानकारी सुरक्षाबलों को नहीं मिल पाती.

सोमवार छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने गश्त पर निकले सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाया था. इस हमले में 25 जवान शहीद हो गए थे जबकि कई जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. इस हमले के बाद से नक्सलियों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की जा रही थी. अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाने दी जाएगी. दूसरी तरफ गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित 10 राज्यों की 8 मई को मीटिंग भी बुलाई है. जिसमें नक्सल समस्या को लेकर चर्चा की जाएगी.