बिल्डर बना रहा था श्मशान की ज़मीन पर प्रोजेक्ट, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली : रियल स्टेट का कारोबार करने वाली देश की नामी कंपनी सुपरटेक को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा के पतवारी गांव में चल रहे सुपरटेक बिल्डर्स के प्रोजेक्ट पर कड़ा रुख अपनाया है और वहां हो रहे फ़्लैट के निर्माण व उन्हें बेचने पर रोक लगा दी है.

आरोप है कि सुपरटेक बिल्डर्स ने शमशान की जमीन को गलत ढंग से हासिल कर उस पर फ़्लैट के निर्माण का काम शुरू कराया है. अदालत ने इस मामले में ग्रेटर नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी को यहां हो रहे निर्माण कार्य के पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी न करने का निर्देश भी दिया है. अदालत के इस फैसले से सुपरटेक बिल्डर्स को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इस प्रोजेक्ट पर अब वह न तो आगे निर्माण का काम जारी रख सकेगा और न ही फ़्लैट को बेच सकता है.

अदालत ने इसके साथ ही जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर से भी कार्रवाई न करने पर जवाब मांगा है और पूछा है कि गांव सभा की लोक उपयोग की जमीन पर बिल्डर्स के अवैध कब्जे पर क्या कार्रवाई की. कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर्स को भी ग्रेटर नोएडा के सीईओ के हलफनामे का जवाब दाखिल करने का दो हफ्ते का समय दिया है.

याचिका की अगली सुनवाई 12मार्च को होगी. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने टीकम सिंह की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विवादित भूमि पर तीसरे पक्ष का हित न बनने दिया जाय. प्लाट संख्या 210 पर श्मशान है, जिस पर सुपरटेक ने बाउन्ड्री बना ली है. कोर्ट ने कहा बिल्डर को निर्माण का अधिकार नहीं है.