रामदेव और बालकृष्ण के बाद सबसे पावरफुल है ये आदमी, जानिए किसका है रिश्तेदार

पानीपत: बाबा रामदेव पीएम मोदी ने बुधवार को हरिद्वार में पतंजलि के आयुर्वेदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया. इसमें करीब 200 वैज्ञानिक अलगअलग जड़ी बूटियों पर रिसर्च करेंगे. जब इस रिसर्च सेंटर का उद्घाटन कर रहे थे तो बाबा रामदेव उनके आसपास थे उनके साथ आचार्य बालकृष्ण भी थे.
लेकिन रामदेव और बाल कृष्ण के बाद इस पूरे समारोह में अगर कोई शख्स सबसे ज्यादा शक्तिशाली था तो वो था बाबा रामदेव का छोटा भाई राम भरत. राम भरत हरिद्वार में पतंजलि आयुर्वेद का रोजमर्रा का काम देखता है. उन्हें यहां का अनऑफिशियल CEO कहा जाता है.
वैसे तो रामदेव संन्यास ले चुके हैं लेकिन उनके परिवार से उनका मोह अबतक नहीं छूटा है. पतंजलि में बाबा रामदेव का पूरा परिवार जमा हुआ है और महत्वपूर्ण पदों पर है. राम भरत उनमें सबसे ज्यादा अहम हैं.
38 साल के राम भरत कंपनी ने एमडी आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को रिपोर्ट करते हैं.
लाइमलाइट से दूर रहने वाले राम भरत पहली बार मीडिया में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्हें हरिद्वार की ट्रक यूनियन और पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क के गार्ड्स के बीच विवाद कराने के आरोप में ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया था.
उस मामले में एक शख्स की मौत भी हो गई थी. कई लोग उन्हें कंपनी का अनऑफिशियल सीईओ भी कहते हैं.
बाबा रामदेव का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के सैद अलीपुर गांव में हुआ. उनके पिता का नाम रामनिवास व माता का नाम गुलाब देवी है.
जब रामदेव छोटे थे तो उनके गांव में एक योगी आए, उनके सानिध्य में रहकर रामदेव का मन योग में लगने लगा और उनका रुझान वैदिक शिक्षा की तरफ बढ़ा.
गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए रामदेव घर से भाग गए और कई गुरुकुल में प्रवेश के लिए पहुंचे लेकिन वहां प्रवेश नहीं मिल सका.
अंत में वे हरियाणा के खानपुर गुरुकुल में पहुंचे जहां गुरुकुल शिक्षा पद्धति से शिक्षा ग्रहण की.
उनके पिता गुरुकुल ढूंढ़ते हुए पहुंचे और घर वापिस ले जाने लगे तो रामदेव ने मना कर दिया.
1990 में बाबा रामदेव की मुलाकात आचार्य बालकृष्ण से हुई.
यहां दोनों की दोस्ती हुई. गुरुकुल से शिक्षा ग्रहण करने के बाद बाबा दोनों हिमालय में योग व आयुर्वेद पर ज्ञान अर्जित किया.
हरिद्वार के कृपालु आश्रम में 10 नवंबर 1994 में बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की.
यहां वे योग कैंप लगाने लगे और आयुर्वेदिक पद्धति से लोगों की मुफ्त चिकित्सा भी करने लगे.
बाबा रामदेव तब घरघर में जाना पहचाना नाम बन गए, जब एक धार्मिक टीवी चैनल ने उन्हें योग के एक प्रोग्राम में फीचर करना शुरू किया.
वर्ष 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की हरिद्वार में स्थापना की गई.
पतंजलि कोई लिस्टेड कंपनी नहीं है जिसका टर्न ओवर और हिसाब किताब मिलता हो, लेकिन मोटा अंदाजा है कि बाबा रामदेव के पतंजलि ब्रांड की ही कीमत आज की तारीख में 5000 करोड़ रुपए तक है.