हालात नहीं बदले तो खतरे में पड़ इस राज्य में बीजेपी की सरकार, बगावत के मूड में विधायक

चंडीगढ़: अगर बीजेपी सबकुछ मैनेज करने में कामयाब नहीं हुई तो हरियाणा से पार्टी की सरकार खतरे में पड़ सकती है. नागपुर कोटे से हरियाणा के सीएम बने मनोहर लाल खट्टर से पार्टी के 47 में से 16 विधायक नाराज़ हैं. वो फिर से खट्टर को टारगेट करने की तैयारी में है. इससे पहले भी खट्टर कई बार निशाने पर आए थे लेकिन मोदी की नज़दीकियों के कारण बच गए.

इस बार विरोध कुछ ज्यादा है और ये विधायक पार्टी में सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस दोनों की स्थिति ऐसी नहीं है कि इन 16 विधायकों को साथ लेकर सरकार बना सकें.

लेकिन पार्टी के लिए चिंता की बात ये है कि नाराजगी बढ़ने के कारण कुछ और विधायक असंतुष्टों के साथ शामिल हो सकते हैं. विधायकों की शिकायत है कि कि नौकरशाह उनकी सुनते नहीं, काम नहीं करते. मुख्‍यमंत्री इससे पहले भी इसी आरोप पर पार्टी कार्यकर्ताओं से बात कर चुके हैं. लेकिन वो उनकी शिकायत दूर करने में सफल नहीं रहे. विधायकों का आरोप है कि सरकार में नौकरशाह निरंकुश हो गए हैं.

सरकार से नाराज विधायकों में उमेश अग्रवाल प्रमुख हैं. अग्रवाल ने गुरुग्राम में मेट्रो रूट में बदलाव के पीछे बिल्डर लॉबी का दबाव बताया है. अग्रवाल का आरोप है कि मैट्रो रूट बदलने के लिए भ्रष्टाचार किया गया.

इस आरोप ने विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का नया हथियार दे दिया है. विपक्ष अब सरकार पर और अधिक आक्रामक हो गया है. उसका कहना है कि जब सरकार अपने ही विधायकों की नहीं सुन रही है तो आम आदमी की क्या बिसात. धमीजा कहते हैं कि हरियाणा में सत्‍ता और संगठन के बदलाव की स्‍क्रिप्‍ट लिखी जा रही है. पांच राज्‍यों के चुनाव के बाद इस पर पार्टी नेतृत्‍व मंथन कर सकता है.

इस मसले को कांग्रेस ने लपक लिया है. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष अशोक तंवर का आरोप है कि गुरुग्राम-मानेसर मेट्रो रूट की लाइन में भी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए परिवर्तन किया गया है. कांग्रेस इस मुद्दे पर सात मार्च को चंडीगढ़ में विधानसभा का घेराव करेगी.

शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा के समधी और विधायक मूलचंद शर्मा 16 नाराज विधायकों में से एक हैं.वो कहते हैं हरियाणा में ब्‍यूरोक्रेट हावी हैं, वे सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे लोगों पर नकेल कसनी चाहिए. इसकी शिकायत तो की जाएगी’.

दरअसल, मनोहर लाल उस हरियाणा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं जहां जाट राजनीति हावी रही है. सीएम पद की दौड़ में गुड़गांव के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, फरीदाबाद के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्‍णपाल गुर्जर और केंद्रीय मंत्री एवं जाट नेता बीरेंद्र सिंह भी थे. हरियाणा कैबिनेट में शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, स्‍वास्‍थ्य मंत्री अनिल विज और वित्‍त मंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु भी सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे थे.

अनिल विज और मनोहरलाल में तो लंबे समय तक कई मसलों को लेकर टकराव चलता रहा है. राव इंद्रजीत सिंह ने तो जुलाई 2016 में यहां तक कहा था कि ‘चंडीगढ़ में दो कौड़ी के नेता फैसले लेते हैं’. उन्‍होंने दक्षिण हरियाणा में विकास को मुददा बनाकर मुख्‍यमंत्री के लिए मुश्किल खड़ी की.

इससे पहले जब फरवरी 2016 में जाट आंदोलन में पूरा प्रदेश जल उठा था तब मनोहर लाल की कुर्सी खतरे में नजर आ रही थी. उनकी पार्टी के लोगों ने उनके खिलाफ माहौल बनाने की खूब कोशिश की. लेकिन दिल्‍ली दरबार से वीटो लग गया.

अफसरशाही के के मसले पर करनाल से भाजपा सांसद अश्‍विनी चोपड़ा भी मनोहर लाल खट्टर से नाराज रहे हैं, हालांकि अब उनके बीच पहले जैसी तल्‍खी नहीं है. मई 2015 में चोपड़ा ने कहा था कि प्रदेश में खट्टर की स्थिति मनमोहन सिंह जैसी है. मनमोहन नेक थे. सीएम भी ईमानदार हैं लेकिन उनके इर्द-गिर्द भ्रष्ट लोग हैं. अफसरशाही हावी है. लेकिन चोपड़ा की नाराजगी को पार्टी हाईकमान ने तवज्‍जो नहीं दी थी. खट्टर करनाल से ही विधायक हैं.

रेवाड़ी के विधायक रणधीर कापड़ीवास, भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ, कोसली के विधायक बिक्रम यादव, केंद्रीय इस्पात मंत्री की पत्नी एवं उचाना की विधायक प्रेमलता, गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल, कालका की विधायक लतिका शर्मा, मुलाना के विधायक संतोष सारवान, बाढड़ा के विधायक सुखविंद्र श्योरण, बल्‍लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा, बहादुरगढ़ से विधायक नरेश कौशिक, नारनौल के विधायक ओम प्रकाश यादव, लाडवा के विधायक पवन सैनी, साढौरा से बलवंत साढ़ौरा और पटौदी से विधायक बिमला यादव शामिल है. पानीपत सिटी की विधायक रोहिता रेवड़ी एवं नांगल चौधरी के विधायक अभय सिंह यादव भी नाराज बताए गए हैं.

सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में बीजेपी के असंतुष्ट विधायकों को जवाब दिया. उन्‍होंने बीजेपी विधायक उमेश अग्रवाल की ओर से बिजली मीटर की खरीद में लगाए गए गड़बड़ी के आरोपों को बेबुनियाद बताया. उमेश अग्रवाल की ओर से गुरुग्राम में मेट्रो रुट में बदलाव के आरोपों पर भी सीएम बोले कहा कोई रुट बदला नहीं गया है, इसे एक्सटेंड जरुर किया गया है