गुजरात में हज़ारों की संख्या में VVPAT टेस्ट में फेल , वोटरों की संख्या भी अंधाधुंध बढ़ी

नई दिल्ली : गुजरात चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली 3550 वीवीपीएटी (वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों को चुनाव आयोग ने खराब पाया. सबसे ज्यादा खराब वीवीपीएटी मशीनें जामनगर, देवभूमि द्वारका और पाटन जिले में पाई गईं. आधिकारिक सूत्रों  के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी है कि गुजरात में कुल 70,182 वीवीपीएटी मशीनें इस्तेमाल की जानी हैं.

गुजरात के मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी स्वाईं ने कहा कि खराब मशीनों को उनके कारखाने में वापस भेजा जाएगा. जिन मशीनों में मामूली तकनीकी खराबी है उन्हें दुरुस्त किया जा सकता है.

 

एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी के अनुसार खराब पाई गईं वीवीपीएटी मशीनों में सेंसर के काम न करने, प्लास्टिक के पुर्जों के टूटे हुए होने और मतदान पेटी (ईवीएम) से जोड़ने में दिक्कत होने जैसी समस्याएं पाई गईं. चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान खराब हो जाने वाली वीवीपीएटी को बदलने के लिए 4150 अतिरिक्त मशीनों मंगाई हैं. गुजरात में कुल 182 विधान सभा सीटे हैं. गुजरात में दो चरणों में मतदान होगा.

 

सिर्फ वीवीपैट नहीं वोटरों को लेकर भी शक

विधान सभा चुनाव के लिए तैयार की गयी मतदाता सूची में कुछ सीटों पर मतदाताओं की संख्या अचानक बढ़ गई है. इससे शक होने लगा है कि कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं. साल 2012 में हुए विधान सभा चुनाव की मतदाता सूची की तुलना में सूरत के कामरेज विधान सभा सीट पर मतदाताओं की संख्या में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

राज्य में करीब 18 विधान सभा सीटों पर वोटरों की संख्या में 20 प्रतिशत या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. चुनाव आयोग द्वारा 25 सितंबर को सार्वजनिक की गयी मतदाता सूची के अनुसार कच्छ, मेहसाणा, साबरकंठा, गांधीनगर, अहमदाबाद, राजकोट, जामनगर, आनंद और सूरत जिलों की विधान सभा सीटों के मतदाताओं की संख्या में काफी अधिक बढ़ोतरी हुई है. राज्य में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को मतदान होगा. नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे.

वोटरों की संख्या बढ़ने के मामले में तीसरे स्थान पर राजकोट (ग्रामीण) विधान सभा सीट है जहां मतदाताओं की संख्या में करीब 33 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. साल 2012 में इस सीट पर कुल 2.24 लाख मतदाता थे. इस साल यहां मतदाताओं की संख्या 2.98 लाख है. पिछले साल इस सीट से बीजेपी के भानुबेन बाबरिया ने जीत हासिल की थी. इसी तरह वटवा विधान सभा सीट पर साल 2012 में करीब 2.30 लाख वोटर थे. वहीं इस साल यहां करीब 3.01 लाख वोटर हो चुके हैं. यानी पांच साल में वोटरों की संख्या में करीब 31 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि कामरेज, ओलपाड, वटवा, राजकोट (ग्रामीण) और चोरयासी पांचो सीटें अभी बीजेपी के कब्जे में हैं.

जिन 18 विधान सीटों पर मतदाताओं की संख्या में सामान्य से अधिक बढ़ोतरी हुई है उनमें राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल की विधान सभा सीटें भी शामिल हैं. विजय रूपानी की राजकोट पश्चिम सीट पर वोटरों की संख्या में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं नितिन पटेल की मेहसाणा विधान सभा के वोटरों में करीब 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी  हुई है. वोटरों की संख्या में असमान्य बढ़ोतरी के सवाल पर गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) बीबी सवाईं ने कहा, “मुझे हैरत नहीं है.