इसलिए मोदी और शाह की नींद उड़ाने वाले हैं गुजरात के स्थानीय निकाय नतीजे


Deprecated: Creation of dynamic property Maghoot_Theme::$loop_meta_displayed is deprecated in /var/www/vhosts/knockingnews.com/httpdocs/wp-content/themes/magazine-hoot/template-parts/loop-meta.php on line 108

अहमदाबाद : गुजरात के जो नतीजे आए हैं वो पीएम मोदी और अमित शाह की नींद हर सकते हैं. हो सकता है आपको ये बात जरूरत से ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर बताई गई लगे लेकिन बीजेपी के लिए घटता एक एक वोट उसके खिसकते सिंहासन का प्रतीक है. बीजेपी के पास अभी लोकसभा में 272 सीटें हैं लेकिन सत्ता से मोदी और अमित शाह की जोड़ी को बाहर करने के लिए सिर्फ 40 सीटें कम होना ही काफी होगा.

गुजरात नगरपालिका चुनाव में पिछली बार की तुलना में काफी कम सीटें मिली हैं. इससे पहले पार्टी को राजस्थान के बुरी खबर आई थी. लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली और पंजाब में भी पार्टी का जनाधार खिसका है. जिन राज्यों में पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव जीती भी उनमें पहले ही वो अधिकतम और कहीं कहीं तो पूरी सीटें जीत चुकी थी यानी वहां भी कुछ सीटें कम होना आम बात है.

गुजरात में बीजेपी को सीटे मिली हैं लेकिन शहरी इलाकों में. जहां विधानसभा में उसे अच्छा भला आधार मिला था. बल्कि इन्हीं इलाकों की बदौलत वो प्रदेश की सत्ता पर वापस लौटी. लेकिन इनमें भई कई सीटें कुछ ही महीनों में कांग्रेस के पास पहुंच गई हैं. हालात ये हैं की कांग्रेस को तीन गुना स्थानीय निकायों में जीत मिली है.

कुल 75 नगरपालिका में से बीजेपी की झोली में 46, कांग्रेस को 18 सीट मिलती दिख रही है. बाकी में निर्दलीय आगे है. हालांकि बीजेपी को 16 नगरपालिका में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि कांग्रेस 6 से 18 पर पहुंच गई है.

मोदी के गृह नगर वडनगर के 28 वार्ड में 27 वार्ड में बीजेपी को जीत मिली है. कांग्रेस को यहां सिर्फ एक वार्ड में जीत मिली है.

  • उत्तर गुजरात में 16 में से 11 बीजेपी को मिली है
  • मध्य गुजरात की 19 में से 7 में बीजेपी जीती है
  • दक्षिण गुजरात की 6 में से 5 नगरपालिका बीजेपी जीती है
  • सौराष्ट्र की 34 में से 23 नगरपालिका बीजेपी ने जीती है

सौराष्ट्र में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में नुकसान हुई था. इस बार बीजेपी ने उसे कवर करने की कोशिश की है, जबकि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जिस हिसाब से प्रदर्शन किया था उस हिसाब से रिजल्ट उसके पक्ष में नहीं आया है.

बीजेपी ने आधे से ज्यादा नगरपालिका सीटों पर जीत दर्ज की है, लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले सीटें कम हुई हैं. साल 2013 के चुनाव मुकाबले कांग्रेस को 12 सीटों का फायदा हुआ है तो वहीं बीजेपी को 14 सीटों का नुकसान हुआ है.

देखने को ये पार्टी की जीत है. ये भी सही है कि पार्टी अपनी साख बचाने में कामयाब हुई लेकिन 2019 के लोकसभा चनाव में ऐसी जीत से काम नहीं चलेगा. अगर मोदी को पीएम बनना है तो 250 से ज्यादा सीटें लानी होंगी. ये आसान नहीं है. कमसे कम ये जो खबरें आ रही हैं वो नींद उड़ाने के लिए काफी हैं. सब जानते हैं कि अगर गठबंधन की सरकार बनी तो मोदी नहीं बल्कि गडकरी जैसे सामंजस्य वाले नेताओं को ही मौका मिलेगा.