यात्रियों पर हमले के मामले में सरकार का बड़ा झूठ खुला, सबूतों के साथ सामने आई हकीकत

नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रियों के जत्थे पर आतंकी हमले के मामले में अपनी नाकामी छिपाने के लिए सरकार ने झूठ बोला था. हमले के ठीक बाद सरकार का बयान आया था कि हमले का शिकार हुई बस के पास रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था और वो सुरक्षा मानकों का पालन नही कर रही थी. ये भी बताने की कोशिश की गई कि 7 श्रद्धालुओं की मौत और 19 यात्री घायल होने के पीछे बस मालिक की ये लापरवाही ही ज़िम्मेदार है. सिर्फ सरकार ही नहींत खुफिया एजेंसियों ने भी यही आरोप लगाए थे.

लेकिन अब बस की संचालक ट्रैवल एजेंसी ने सरकार के इस बयान को बकवास करार दिया है. ट्रैवल कंपनी के मालिक जवाहर देसाई ने एक निची चैनल को बताया कि सिर्फ ड्राइवर ही नहीं सभी यात्रियों का बी बाकायदा रजिस्ट्रेशन था. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के दावे की पोल खोलते हुए इस चैनल को सारे दस्तावेज भी दिखा दिए. उसने कहा कि ये संभव ही नहीं है कि कोई बिना रजिस्ट्रेशन अमरनाथ यात्रा को चला जाए.

हादसे पर जारी की गई रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर सरकार ने लिखा है कि यह बस शाम चार बजकर 40 मिनट पर श्रीनगर से जम्मू के लिए रवाना हुई थी. अनंतनाग के संगम के नज़दीक यात्रियों पता चला कि बस का टायर पंक्चर हो गया है, जिसे बदलने में करीब एक घंटा लग गया. इसके बाद बस जब आगे बढ़ी, तो 8:17 बजे खानाबल के पास उस पर आतंकियों ने हमला कर दिया. इसके बाद ड्राइवर ने तेज़ी से बस दौड़ाकर यात्रियों को बचाया सके बाद महज 75 गज आगे पहुंचने पर बस पर आतंकियों के दूसरे गुट ने हमला कर दिया.

अमरनाथ यात्रा को लेकर खुफिया विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था एलर्ट में यात्रियों के लिए खतरे का जिक्र था.करीब 40 हज़ार सुरक्षाकर्मी सुरक्षा में लगाए गए थे. इसके बावजूद हुए इस आतंकी हमला हुआ . सरकार अपनी इस नाकामी को छिपाने के लिए बस का रजिस्ट्रेशन न होने की बात कहती रही.