गूगल को क्यों करना पड़ा जीमेल बंद करने का एलान ?

नई दिल्ली : Google ने घोषणा की है कि वो अपनी ईमेल सेवा GMail को बंद करेगी. हालांकि Google ने यह ऐलान कुछ चुनिंदा ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ही किया है और बताया है कि इस साल के अंत तक वो इन सिस्टम को अपना सपोर्ट देता रहेगा.
Google की इस घोषणा का असर क्रोम ब्राउजर के पुराने वर्जन, विंडोज एक्सपी और विंडोज विस्टा (विडो XP & विडो Vista) पर पड़ेगा, क्योंकि Google इसके लिए GMail को सपोर्ट नहीं देगा.
Google द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक 8 फरवरी 2017 से कंपनी ऐसे सिस्टम या वर्जन पर काम करने वाले ऐसे GMail यूजर्स को नोटिफिकेशंस देने लगेगी, जो वर्जन 53 से या इससे कम वाले क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं.
हालांकि GMail को बंद करने के इस ऐलान का सबसे ज्यादा असर विडो XP & विडो Vista ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को पड़ेगा. अब तक लोग पुराने सिस्टमों पर भी ब्राउजर अपडेट कर लेते थे.
लेकिन Google की इस नई घोषणा से पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स अपना क्रोम ब्राउजर अपडेट नहीं कर पाएंगे. और अपडेट न हो पाने से पुराने ब्राउजर को सिक्योरिटी प्लग-इन्स नहीं मिल सकेंगे, जिसके चलते ऐसे यूजर्स हैकरों के निशाने पर आ सकते हैं.
जाहिर है इसके पीछे की वजह यह है कि पुरानी डिवाइसों-ऑपरेटिंग सिस्टमों का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स खुद को अपडेट करें और नए सिस्टम लें. Google ने भी यूजर्स से नए ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर में अपग्रेड करने की अपील की है.
Google ब्लॉग पर कंपनी द्वारा जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक अगर यूजर्स क्रोम ब्राउजर के पुराने वर्जन में GMail का इस्तेमाल करेंगे तो हैंकिंग का खतरा ज्यादा बढ़ जाएगा. इसी तरह का मामला विडो XP & विडो Vista के साथ भी है, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट ने इनको सपोर्ट देना बंद कर दिया है.
जानिए क्यों पड़ी जरूरत
दरअसल Google क्रोम ब्राउजर का नवीनतम (लेटेस्ट) वर्जन v55 है. इस वर्जन में तमाम जरूरी और ताजे सिक्योरिटी अपडेट्स हैं.
जबकि विडो XP & विडो Vista के लिए बनाया गया आखिरी क्रोम ब्राउजर v49 था.
Google के इस कदम के पीछे की वजह यह है कि यूजर्स खुद को ज्यादा सुरक्षित करने के लिए नवीनतम डिवाइसों और ऑपरेटिंग सिस्टम में अपग्रेड करें, ताकि वे आए दिन आने वाली इंटरनेट की चुनौतियों का सामना कर सकें.
Google की इस घोषणा के बाद भी पुराने क्रोम ब्राउजर और GMail का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को सिक्योरिटी अपडेट्स नहीं मिल सकेंगे, उनके GMail के नए प्लग-इन्स नहीं आ सकेंगे, बग फिक्स नहीं हो पाएंगे और दिसंबर 2017 के बाद उन्हें GMail का बेसिक एचटीएमएल वर्जन ही दिखाई देगा.
इसके अलावा Google GMail यूजर्स की सुरक्षा को लेकर भी कड़े प्रयास कर रहा है और इस कड़ी में कंपनी ने हाल ही में घोषणा की थी कि आगामी 13 फरवरी से यूजर्स जावास्क्रिप्ट फाइल्स को ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे. यानी .js एक्सटेंशन वाली फाइलें अब GMail के जरिये नहीं जा सकेंगी.
इससे पहले GMail .exe, .msc और .bat जैसे एक्सटेंशन वाली फाइलों को अटैचमेंट के रूप में भेजने पर पाबंदी लगा चुका है.
इतना ही नहीं Google ने चार साल बाद आईओएस डिवाइसों के लिए भी अपने GMail ऐप को अपडेट किया है. इस नए अपडेट के जरिये यूजर्स को ‘undo send’ जैसा प्रमुख फीचर मिल सकेगा.