मध्य प्रदेश में के बालाघाट में ब्लास्ट, आधा किलोमीटर तक बिखरे मज़दूरों के अंग, 23 मरे

भोपाल: मध्य़ प्रदेश के बालाघाट से 7 किमी एक पटाखा फैक्ट्री में बुधवार की दोपहर करीब 3.30 बजे भीषण विस्फोट हो गया. विस्फोट से फैक्ट्री की छत और दीवारें उड़ गई. मजदूरों के अंग 400 मीटर दूर तक फैल गए. पटाखा बना रहे 23 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक मजदूर की मौत नागपुर ले जाते समय हो गई.

 

अधिकतर की मौत बारूद में जलने की वजह से हुई. देर शाम सभी शव निकाले लिए गए. शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान करना मुश्किल है. शवों की पहचान के लिए पुलिस डीएन टेस्ट कराएगी. घटना में 7 मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए. गंभीर हालत में 5 को नागपुर रैफर किया गया है. झाबुआ जिले के पेटलावद में 2015 में हुए ब्लॉस्ट के बाद प्रदेश का यह दूसरा बड़ा हादसा है. हादसे की वजह पता नहीं चल सकी है.

 

फायर ब्रिगेड फंसी, जल गए मजदूर

धमाकों की गूंज 5 किमी तक लोगों को सुनाई दी. सूचना पर मौके पर पहुंचे प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया. वहीं फैक्ट्री तक पहुंचने के लिए मार्ग नहीं होने पर आधा घंटे तक दमकल वाहन फंसा रहा और मजदूर धू-धूकर जलते रहे. गांव के लोग जब मौके पर पहुंचते तो मजदूर जले रहे थे. आग बुझाने के लिए आसपास पानी भी नही था.

 

बारूद से घिरे थे, संभलने का मौका भी नहीं मिला

जब धमाका हुआ उस समय फैक्ट्री के अंदर 35 से अधिक मजदूर मौजूद रहे. फैक्ट्री में भरवेली, भटेरा और आंवलाझरी, कुम्हारी, खैरी गांव के मजदूर यहां काम कर रहे थे. धमाके के बाद उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला.

 

धड़ से अलग होकर 400 मीटर दूर जा गिरे सिर

फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट से कुछ मजदूरों के सिर धड़ से अलग होकर फैक्ट्री से करीब 400 मीटर दूर जा गिरे. किसी के हाथ तो किसी के पैर शरीर से अलग होकर पड़े हुए थे. पुलिस व स्थानीय लोग दो महिलाओं के सिर घटनास्थल से 400 मीटर दूर मिले.

 

एक के बाद एक 3 घंटे में 23 शव निकाले गए

प्रशासनिक व सुरक्षा अमले ने तीन घंटे में 23 शव बरामद किए. जबकि 8 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है. 6 को नागपुर भेज दिया गया, रास्ते में एक की मौत हो गई.

 

दो साल में दूसरा हादसा

13 मई 2015 को जिले के किरनापुर तहसील मुख्यालय में पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में दो मजदूरों की जान गई थी, 18 घंटे तक फैक्ट्री सुलगती रही.

2 साल से संचालित थी फैक्ट्री: खैरी से करीब 3 किमी दूर जंगल में दो साल से भटेरा निवासी वाहिद पिता समीर अहमद वारसी पटाखा फैक्ट्री संचालित कर रहा था. इसके पास 50 किलो विस्फोटक रखने का लायसेंस था. लायसेंस सितंबर में रिन्युवल हुआ था.

करीब 3 बजे फैक्ट्री के सभी मजदूर दोपहर का खाना खाने के लिए बाहर वाले कमरे में आए. उस कमरे में खाने के लिए प्लेटफार्म भी बना है. आधे घंटे बाद दोपहर 3.30 बजे जैसे ही फैक्ट्री का दरवाजा खोला तो अंदर चिंगारी भड़क रही थी. हम पलटते इससे पहले ही इतनी तेज विस्फोट हुआ कि फैक्ट्री समेत मजदूरों के चीथड़े उड़ गए. पूरा छप्पर और मजदूरों के शरीर आग के शोले के साथ ऐसे उछले जैसे तिनके उड़ रहे हों. कई जिंदा ही जल गए. मैं कुछ मजदूरों के पीछे थी, इसलिए बुरी तरह झुलसी हूं लेकिन बच गई.

फैक्ट्री में ब्लास्ट से मृत हुए मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो-दो लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है. वहीं रेडक्रास सोसायटी ने 20-20 हजार रुपए देने की घोषणा की है. जबकि कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने 10-10 हजार देने की घोषणा की है. आपको बता दें कि इन्हीं शिवराज सिंह ने सरकार की गोली से मरे किसानों को 1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है. (COURTSEY-NAIDUNIA)