सावधान: फर्जी वायरल मैसेज ले रहे हैं लोगों की जान, फिर मारे गए 9 लोग

नई दिल्ली : फेसबुक खास तौर पर वाट्सएप पर आने वाले ऊल जलूल मैसेज पर यकी करना बेहद भारी पड़ सकता है. हालत ये है कि यूपी बिहार के कुछ इलाकों में एक वायरल मैसेज 9 दिनों में 8 लोगों की जान ले चुका है. प्रशासन को इस मैसेज से फैली हिंसा को काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

एक न्यूज साइट ने जमशेदपुर के एसएसपी अनूप टी मैथ्यू के हवाले से खबर दी है कि बच्चा चोरी के इस वायरल मैसेज के कारण पिछले नौ दिन में आठ लोगों की जान गई है. बकौल एसएसपी, अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं सिटी एसपी प्रशांत आनंद ने भी कहा कि बच्चा चोरी का अफवाह व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए फैलाई जा रही है.

जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेज में मैसेज के अनुसार इन शवों से शरीर के कई अंग गायब हैं.

मैसेज में अभिभावकों को बच्चा चोर से सावधान होने और बच्चा चोर दिखते ही पुलिस के सूचना देने का संदेश दिया गया है. जमशेदपुर, सरायकेला, जादूगोड़ा और आसपास के कई इलाकों में यह मैसेज वायरल हो गया है.  कई अनजान लोग मैसेज की चपेट में आ रहे हैं.

गुरुवार रात जमशेदपुर में बच्चा चोरी के अफवाह के कारण तीन लोगों की हत्या हो गई, वहीं एक गंभीर रुप से घायल हो गए. टीएमएच हॉस्पिटल पहुंची पुलिस.

(ये फोटो दरअसल सीरिया में बमबारी के बाद मारे गए बच्चों के शवों के हैं. इन्हें शिनाख्त के लिए एक स्थान पर रखा गया था. शरारती लोगों ने इस तस्वीर को बच्चा चोर और अंगों की चोरी का बताकर वाट्सएप पर वायरल किया इससे गुस्साए लोगों ने जिस पर भी शक हुआ उसे पीट डाला)

जमशेदपुर एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने कहा कि अब तक बच्चा चोरी का एक भी मामला सामने नहीं आया है. यह शरारती तत्वों की करतूत है. लोग अफवाहों पर ध्यान न दें. पुलिस पूरी तरह सजग है.

पुरानी है ये वायरल बीमारी

सोशल मीडिया के ज़रिए हिंसा के ये मामले अकेले नहीं हैं. आपको याद होगा कि म्यामांर की हिंसा का वीडियो असम में वायरल करके वहां दंगे फैलाए गए थे जिसके कारण लंबे समय तक असम सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलता रहा और आखिर इसका असर वहां के चुनाव पर भी पड़ा.

मुजफ्फर नगर दंगे के पीछे भी एक भडकाऊ सीडी ही जिम्मेदार मानी जा रही थी . इस सीडी को बांटने में विधायक संगीत सोम पर केस भी हुआ था.