कल से पेट्रोल 2 रुपये होगा सस्ता, मनमोहन से अभी भी 10 रुपये ज्यादा टैक्स ले रहे हैं मोदी. बाकी पैसे कब कम होंगे

नई दिल्ली :  जब पेट्रोल के दाम घट रहे थे तो सरकार ने एक्साइज ड्यूटी तीन बार में करीब 12 रुपये बढ़ा दी थी. अब जब दाम बढ़ने लगे तो वो चुप होकर बैठ गई. आखिर जनता का दबाब काम आया और सरकारन  पेट्रोल और डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का फैसला किया है. केंद्र का यह फैसला चार अक्टूबर से प्रभावी होगा. वैसे सरकार इसे अपनी उदारता के तौर पर दिखाना चाहती है लेकिन सरकार अभी भी यूपीए सरकार के मुकाबले एक लीटर पर 10 रुपये ज्यादा एक्साइज वसूल रही है. दो रुपये एक्साइज ड्यूटी कम करके अपनी पीठ थपथपा रही सरकार अभी भी पेट्रोल पर 21 रुपये 48 पैसे और डीजल पर 17 रुपये 33 पैसे एक्साइड ड्यूटी वसूल रही है.

हाल ही में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा था कि राज्यों को आम जनता को राहत देने के लिए टैक्स दरों में कटौती करनी चाहिए. दूसरा, इस फैसले से आम जनता के साथ ही पेट्रोल व डीजल का इस्तेमाल करने वाले उद्योग को भी राहत मिलेगी. फिलहाल केंद्र सरकार पेट्रोल पर 21.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 17.33 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी के रूप में वसूलती है. वहीं राज्य सरकारें पेट्रोल पर अधिकतम 47 प्रतिशत और डीजल पर 28 प्रतिशत तक बिक्री कर लगाते हैं.

पेट्रोल और डीजल दोनों ही अभी जीएसटी से बाहर हैं. सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की चर्चा चल रही है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि पेट्रोल और डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी में दो रुपये की कटौती से चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में सरकारी खजाने पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. वहीं पूरे वित्त वर्ष में इससे 26000 करोड़ रुपये का बोझ खजाने पर आने का अनुमान है. लेकिन सरकार ये बताना भूल जाती है कि वो अभी भी पहले के मुकाबली करीब एक लाख करोड़ से ज्यादा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर वसूल रही है. इसके अलावा हाल के महीनों में आम लोगों की ओर से भी पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाने की मांग उठी है. ऐसे में केंद्र के इस कदम के बाद राज्यों पर भी वैट घटाने का दबाव होगा.

फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.88 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 59.14 रुपये प्रति लीटर है. इस साल चार जुलाई से पेट्रोल की कीमत में 7.8 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल की कीमत में प्रति लीटर 5.7 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है.

उल्लेखनीय है कि बीत तीन साल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने पर सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय करों में कई बार वृद्धि की ताकि अधिकतम राजस्व जुटाया जा सके. इसके साथ राज्यों ने भी पेट्रोल और डीजल पर अपने-अपने यहां बिक्री कर में वृद्धि की है. माना जा रहा है कि पेट्रोल और डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी कम होने से महंगाई पर अंकुश लगेगा.