टल्ली होकर अंग्रेज़ी कैसे बोलने लगते हैं लोग ? पढ़िए क्या कहता है विज्ञान

नई दिल्ली : अगर आप किसी दूसरी भाषा में बोलने की कोशिश करते हैं तो कई बार आपके साथ ऐसा हुआ होगा. सही शब्द आपको मुश्किल से मिलेंगे और उनका ठीक से उच्चारण करना भी चुनौती जैसा लगेगा.

लेकिन अगर आप थोड़ी सी शराब पी लें तो उस दूसरी भाषा के शब्द अपने आप मुंह से धारा प्रवाह निकलेंगे. लफ्जों की तलाश खत्म हो जाएगी और आपकी बातें लच्छेदार लगने लगेंगी. मानो ये जुबान आपकी अपनी हो.

सामाजिक व्यवहार

ये शराब को लेकर कोई अंदाज़े की बात नहीं है. बल्कि इसे लेकर एक अध्ययन आया है. साइंस मैगज़ीन ‘जर्नल ऑफ़ साइकोफ़ार्माकोलॉजी’ में छपे एक अध्ययन के मुताबिक थोड़ी सी शराब किसी दूसरी भाषा में बोलने में मदद करती है.

ये भी सही है कि शराब हमारी याददाश्त और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर असर डालती है और इस लिहाज से ये एक बाधा है. लेकिन दूसरी तरफ ये हमारी हिचकिचाहट भी दूर करती है, हमारा आत्म-विश्वास बढ़ाती है और सामाजिक व्यवहार में संकोच कम करती है.

जब हम किसी दूसरे शख्स से मिलते हैं और बात करते हैं तो इन सब बातों का असर हमारी भाषाई क्षमता पर पड़ता है. इस विचार अब तक बिना किसी वैज्ञानिक आधार के ही स्वीकार किया जाता था.

थोड़ा एल्कोहल

लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ लीवरपूल, ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज और नीदरलैंड्स के यूनिवर्सिटी ऑफ़ मास्ट्रिच के शोधकर्ताओं ने इस विचार को टेस्ट किया. टेस्ट के लिए 50 जर्मन लोगों के एक समूह को चुना गया जिन्होंने हाल ही में डच भाषा सीखी थी.

कुछ लोगों को पीने के लिए ड्रिंक दिया गया जिनमें थोड़ा एल्कोहल था. लोगों के वजन के अनुपात में एल्कोहल की मात्रा दी गई थी. कुछ के ड्रिंक्स में एल्कोहल नहीं था. टेस्ट में भाग लेने वाले जर्मन लोगों को नीदरलैंड्स के लोगों से डच में बात करने के लिए कहा गया.

डच भाषियों को ये पता नहीं था कि किसने शराब पी रखी है और किसने नहीं. जांच में ये बात सामने आई कि जिन्होंने शराब पी रखी थी वे बेहतर उच्चारण के साथ बात कर रहे थे. शोधकर्ताओं ने ये साफ किया कि उन्हें ये नतीजे शराब की बहुत कम मात्रा में खुराक देने से मिले हैं. ( courtsey-BBC)