बीजेपी के दो विधायकों का अपनी ही सरकार पर हमला, कहा आपातकाल वाले हालात

नई दिल्ली: वसुंधरा राजे सिंधिया के लोकतंत्र विरोधी विधेयक का पार्टी के अंदर ही विरोध हो रहा है. पार्टी के अपने ही विधायक इस कानून को खुले आम काला कानून बता रहे हैं. विरोध करने वालों में पार्टी के सीनियर लीडर और वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके घनश्याम तिवाड़ी के अलावा नरपत सिंह रजवी हैं. इन दोनों विधायकों ने मीडिया से बातचीत में नए प्रस्तावित कानून को असंवैधानिक करार दिया है. इन नेताओं ने वसुंधरा राजे के कार्यकाल और इस बिल की तुलना आपातकाल से की है.

तिवाड़ी ने कहा कि यह बिल मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों और कुछ मंत्रियों को बचाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके सचिवों ने करप्शन किया है. इससे बचने के लिए पहले अध्यादेश फिर बिल लाया गया है.

न्यूज 18 से बातचीत में  सांगानेर से विधायक तिवाड़ी ने कहा कि यह काला कानून है जो इमरजेंसी की याद कराता है. उन्होंने कहा कि वो सदन के अंदर से लेकर बाहर तक इसकी खिलाफत करते रहेंगे.

बता दें कि इस बिल के तहत जजों, मजिस्ट्रेटों और अन्य सरकारी अधिकारियों, सेवकों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है. बिल के मुताबिक सरकार की मंजूरी के बिना इनके खिलाफ न तो कोई जांच होगी न ही मीडिया में उनके खिलाफ कुछ छापा जा सकेगा.

यह अपराध दंड संहिता (राजस्थान संशोधन) बिल हाल ही में लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगी. अध्यादेश का स्थान लेने जा रहे नए कानून के मुताबिक मीडिया भी 6 महीने तक किसी भी आरोपी के खिलाफ न तो कुछ दिखाएगी और न ही छापेगी, जब तक कि सरकारी एजेंसी उन आरोपों के मामले में जांच की मंजूरी न दे दे. इसका उल्लंघन करने पर दो साल की सजा हो सकती है.