योगी के रास्ते पर चलना चाहती है ‘आप’, यूपी की तारीफ की , दिल्ली में भी कम करेंगे छुट्टियां

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से सीख लेते हुए दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला किया. दिल्ली सरकार ने योगी सरकार की तर्ज पर राजधानी में बड़ी हस्तियों की जयंती अथवा पुण्यतिथि पर दिए जाने वाले सार्वजनिक अवकाश रद्द करने का फैसला किया है. इसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दी.

सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली सरकार प्रतिष्ठित हस्तियों की जयंती अथवा पुण्यतिथि पर दी जाने वाली छुट्टियां रद्द करेगी. मैंने इस संबंध में मुख्य सचिव को निर्देश दे दिये हैं.’उन्होंने उत्तर प्रदेश में विभिन्न बड़ी हस्तियों की जयंती अथवा पुण्यतिथि पर दिए जाने वाले 15 सार्वजनिक अवकाश रद्द करने संबंधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले का स्वागत किया.

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में अच्छा कदम उठाया है, हमें हमेशा दूसरे राज्यों से सीखने को तैयार रहना चाहिए.’उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 25 अप्रैल को इन 15 सार्वजनिक अवकाशों को रद्द करने का फैसला लिया था.

योगी सरकार का बड़ा फैसला, रद्द कीं 15 सार्वजनिक छुट्टियां

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में अच्छी पहल की है. हमें अन्य राज्यों से सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महापुरुषों के जन्मदिन या पुण्यतिथि पर दी जाने वाली 15 सार्वजनिक छुटिटयां आज रद्द कर दी हैं. अब ऐसी तारीखों पर छात्रों को महापुरुषों के बारे में शिक्षित किया जाएगा. जिन अवकाशों को योगी सरकार ने रद्द किया है, उनमें जन नायक कर्पूरी ठाकुर जयंती (24 जनवरी), ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती अजमेरी गरीब नवाज उर्स (14 अप्रैल), चंद्रशेखर का जन्मदिन (17 अप्रैल), परशुराम जयंती (28 अप्रैल), महाराणा प्रताप जयंती (नौ मई), छठ पूजा (26 अक्टूबर) आदि शामिल हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, कैबिनेट ने महान हस्तियों की जयंती अथवा पुण्यतिथि पर होने वाले 15 सार्वजनिक अवकाश रद्द कर दिए हैं. उस दिन चर्चा, परिचर्चा, निबंध प्रतियोगिता आदि कार्यक्रमों के जरिए छात्रों को महान हस्तियों के बारे में शिक्षित किया जाएगा. अंबेडकर जयंती पर योगी ने ऐसे अवकाशों की वजह से शैक्षिक सत्र की अवधि कम होने पर चिन्ता व्यक्त की थी.