सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर से रोक हटाने से इनकार, एक और सख्ती और कर दी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक और सख्ती लागू कर दी. अदालत ने कहा कि अब लोगो 11 बजे के बाद पटाखे नहीं चला सकेंगे. मामले को धार्मिक रंग देने पर भी कोर्ट ने गुस्सा जताया.

दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है. पटाखों की बिक्री को लेकर 11 नवंबर 2016 का रोक का आदेश फिर से बरकरार रहेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 1 नवंबर तक पटाखों की बिक्री बैन करने का आदेश दिया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्थायी और अस्थायी लाइसेंसों को निलंबित कर दिया है. 1 नवंबर से पटाखे बिक सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक बार ये टेस्ट करना चाहते हैं कि दिवाली पर किस तरह के हालात होंगे.

कोर्ट के इस आदेश पर पटाखा व्यापारी ने कहा कि हमने 28 फीसदी वस्तु एवं सेवाकर (GST) देकर पटाखा खरीदा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमे अपनी दुकान बंद करनी होगी. व्यापारी ने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर GST की मार और अब ये, हम क्या करें? एक अन्य व्यापारी ने कहा कि नोटबंदी भी झेली, जीएसटी भी झेला और अब ये झेल रहे हैं.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से पटाखे नहीं लाए जाएंगे, क्योंकि यहां पहले से ही पटाखे मौजूद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लाइसेंस धारी दुकानदारों के पास पटाखे हैं वो अपना पटाखे बेच सकते हैं या दूसरे राज्यों को निर्यात कर सकते हैं. पटाखों के लाइसेंस पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम रूप से हटाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दीपावली के बाद वायु की गुणवत्ता को देखते हुए इस मामले में सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि साइलेंस जोन के 100 मीटर के भीतर पटाखे नहीं जलाए जाएंगे, यानी अस्पताल, कोर्ट, धार्मिक स्थल और स्कूल आदि के 100 मीटर के दायरे में पटाखे नही चलेंगे. साथ ही साफ किया गया है कि पटाखे बनाने में लिथियम, लेड, पारा, एंटीमोनी व आर्सेनिक जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा.